GST क्रेडिट बन रहा है अधूरे रिटर्न की वजह!

मोदी सरकार ने जीएसटी रिटर्न भरने में आ रही परेशानियों को देखते हुए और कारोबारियों को सहूलियत देने के लिए GSTR-2 और 3 को खत्म कर दिया हैं।

<p>GST क्रेडिट बन रहा है अधूरे रिटर्न की वजह!</p>

नई दिल्ली। मोदी सरकार ने जीएसटी रिटर्न भरने में आ रही परेशानियों को देखते हुए और कारोबारियों को सहूलियत देने के लिए GSTR-2 और 3 को खत्म कर दिया हैं। अब कारोबारियों को सिर्फ GSTR-1 और 3B ही भरना हैं। लेकिन अभी भी कई ऐसे कानून है जो लोगों के लिए परेशानियों का कारण बने हुए हैं। कारोबारियों को इनपुट टैक्स क्रेडिट को लेकर बहुत कठिनाईयों को सामना करना पड़ रहा हैं। कानूनन 2017-18 के किसी भी इनवॉइस के लिए क्रेडिट सितंबर रिटर्न की डेडलाइन या सालाना रिटर्न तक लिया जा सकता है। मगर अभी तक सालाना रिटर्न का फार्म नहीं आया हैं। क्योंकि GSTR-3B में इनवॉइस डिटेल्स को नहीं भरा जा सकता हैं ऐसे में कारोबारियों खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं। कारोबारियों की मांग है की सालाना रिटर्न के कानून में संशोधन किया जाए।

कारोबरियों के सामने आ रही कई समस्या
सरकार ने जीएसटी को लेकर कई बदलाव किए हैं। फिर भी कारोबरियों की समस्या कम होने का नाम ही नहीं ले रही हैं। क्योंकि 31अगस्त जीएसटी रिर्टन भरने की आखिरी तारीख हैं। ऐसे में कई कारोबारियों को अभी तक जीएसटी रिर्टन फार्म कैसे भरे यहीं समझ नहीं आ रहा हैं। अब कारोबारियों को इनवॉइस क्रेडिट को लेकर परेशानियां आ रही हैं। इनवॉइस क्रेडिट को लेकर कारोबारियों को सरकार का रुख भी समझ नहीं आ रहा हैं। सबसे बड़ी समस्या करोबारियों को ये आ रही है की GSTR-3B में इनवॉइस नंबर या तारीख डालने का कोई प्रावधान नहीं है। इससे ये पता लगा पाना मुश्किल है की जिस इनवॉइस का क्रेडिट क्लेम किया गया है, वह मौजूदा वित्त वर्ष का है या पिछले साल का। कारोबारी का कहना है की हम आधे अधूरे रिटर्न भर रहे हैं। इससे हमे भविष्य में कई दिक्कतें आ सकती हैं।
रिटर्न को लेकर कारोबारी परेशान
बता दें की सीजीएसटी एक्ट 16(4) के मुताबिक 2017-18 की किसी इनवॉइस पर सितंबर 2018 की रिटर्न या एनुअल रिटर्न की डेडडलाइन तक ही क्रेडिट लिया जा सकता है। सालाना रिटर्न की डेडलाइन वैसे तो दिसंबर तक है, लेकिन सरकार ने अभी तक यह फॉर्म ही जारी नहीं किया है। ऐसे में क्रेडिट की डेडलाइन 20 अक्टूबर 2018 दिख रही है। चूंकि जीएसटीआर-2 और 3 खत्म हो चुके हैं और अगले वित्त वर्ष से नया रिटर्न सिस्टम लाने की बात हो रही है, ऐसे में पूरा प्रोसेस कानूनन अधूरा है और कारोबारी केवल इस भरोसे पर काम कर रहे हैं कि 3बी के आधार पर ही उनका क्रेडिट मिल जाएगा। 3बी का प्रावधान शुरू में केवल छह महीने के लिए प्रोविजनल रिटर्न के लिए था। तब सेक्शन 16(4) और सालाना रिटर्न की जरूरत पैदा नहीं हो रही थी। अब बहुत से लोग आशंका जता रहे हैं कि इस डेडलाइन के बाद उनके फंसे रिटर्न का क्या होगा।
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