सीमेंट पर कर की दरों में कमी करने की मांग लंबे समय से की जा रही है, लेकिन इससे सरकार को सालाना 13,000 करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान होगा, लेकिन चुनाव नजदीक आते देख सरकार इसमें कटौती करना चाहती है, साथ ही यह सुनिश्चित करना चाहती है कि दरों में कटौती का लाभ लोगों तक पहुंचे, उन्हें कम कीमत में सीमेंट मिले और घरों के दाम में भी कमी आए।
सूत्रों ने बताया कि सीमेंट में प्रस्तावित जीएसटी कटौती और जीओएम की रिपोर्ट पर चर्चा जीएसटी परिषद की 20 फरवरी को होनेवाली बैठक के एजेंडे में शामिल है।
जीएसटी परिषद की 20 फरवरी को होनेवाली बैठक से पहले जीओएम की एक बैठक और होगी, उसमें किफायती आवास को फिर से परिभाषित किया जाएगा, ताकि उसमें ज्यादा से ज्यादा गरीब लोगों को शामिल किया जा सके और उन्हें 3 फीसदी कर का लाभ मिले। फिलहाल 50 वर्गमीटर तक के कारपेट एरिया वाले घरों को किफायती घर माना जाता है। इसे बढ़ाकर 80 वर्गमीटर किया जा सकता है।