सरकार ने जब्त की 1 लाख करोड़ की शत्रु संपत्ति, जानिए किस राज्य में कितनी है ऐसी जमीन

1962 में भारत-चीन और 1965 में भारत- पाकिस्तान युद्ध के बाद भारत छोड़कर गए लोगों की संपत्ति को शत्रु संपत्ति का नाम दिया गया है।

<p>Enemy Property</p>
नई दिल्ली। 1962 में भारत-चीन और 1965 में भारत- पाकिस्तान युद्ध के बाद भारत सरकार ने इन दोनों देशों के लोगों की करीब एक लाख करोड़ रुपए की संपत्ति जब्त की है। इस जमीन को शत्रु संपत्ति का नाम दिया गया है। यह संपत्ति एेसे लोगों की है जो इन युद्धों के बाद भारत छोड़कर चले गए। सरकार के अनुसार, इस एक लाख करोड़ रुपए की शत्रु संपत्ति में भूमि, भवन, फर्म, शेयर, बैंक बैलेंस, भविष्य निधि शामिल हैं। इन संपत्तियों की देखरेख शत्रु संपत्ति के कस्टोडियन की ओर से की जाती है। सरकार ने शत्रु संपत्ति को जब्त करने की कार्यवाही शत्रु देशों की ओर से भारत को क्षतिपूर्ति करने में विफल रहने पर की गई है।
गृह मंत्रालय ने लोकसभा में दी जानकारी

2017 में लोकसभा में एक सवाल के जवाब में गृह मंत्रालय ने शत्रु संपत्ति की जानकारी दी। सरकार ने लोकसभा में कहा कि देश में कुल 9, 280 संपत्तियां शत्रु संपत्ति के तौर पर पहचानी गई हैं। सरकार के अनुसार इसमें करीब 12 हजार एकड़ जमीन शामिल है जिसकी कीमत एक लाख करोड़ रुपए से अधिक है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार 80 फीसदी शत्रु संपत्ति उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल में है। देश में कुल शत्रु संपत्ति में से 98 फीसदी पाकिस्तान जा बसे लोगों की है।
पाकिस्तान ने बेची भारतीयों की संपत्ति

1965 के भारत- पाकिस्तान युद्ध के बाद 1966 में ताशकंद में हुए समझौते में दोनों देशों के बीच संपत्ति और परिसंपत्तियों को वापस करने पर चर्चा करने पर सहमति बनी थी। लेकिन इस पर अभी तक दोनों देशों के बीच कोई चर्चा नहीं हुई है। हालांकि, पाकिस्तान 1 9 71 में ही भारतीय नागरिकों और कंपनियों के स्वामित्व वाली सभी दुश्मन संपत्ति और परिसंपत्तियां बेच चुका है। भारत में अभी तक कोई शत्रु संपत्ति नहीं बेची गई है।
किस राज्य में कितनी शत्रु संपत्ति

राज्य

कीमत (करोड़ों में)

उत्तर प्रदेश
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