134.34 लाख करोड़ रुपए की रह सकती है जीडीपी
एनएसओ के आंकड़ों के अनुसार, वित्तवर्ष 2020-21 में देश की वास्तविक जीडीपी यानी स्थिर कीमत (2011-12) के आधार पर जीडीपी 134.40 लाख करोड़ रुपए रहने का अनुमान है, जबकि 31 मई 2020 को जारी पिछले वित्तवर्ष 2019-20 की जीडीपी का प्रोविजनल अनुमान 145.66 लाख करोड़ रुपए था। इस प्रकार, वित्तवर्ष 2020-21 में जीडीपी में 7.7 फीसदी गिरावट रहने का अनुमान है जबकि पिछले वित्तवर्ष 2019-20 के दौरान जीडीपी वृद्धिदर 4.2 फीसदी दर्ज की गई थी।
123.39 लाख करोड़ रुपए तक जीवीए का अनुमान
एनएसओ द्वारा जारी प्रथम अग्रिम अनुमान के अनुसार, वास्तविक सकल मूल्य वर्धित (जीवीए) 2020-21 में 123.39 लाख करोड़ रुपए रहने का आकलन किया गया है, जबकि पिछले वित्तवर्ष के दौरान यह आंकडा 133.01 लाख करोड़ रुपए था। इस प्रकार चालू वित्तवर्ष में जीवीए में 7.2 फीसदी की गिरावट रहने का अनुमान है। एनएसओ के मुताबिक, कोरोना महामारी की रोकथाम को लेकर 25 मार्च 2020 को लगाए गए प्रतिबंधों में हालांकि बाद में धीरे-धीरे ढील दी गई, लेकिन उससे आर्थिक गतिविधियों पर असर पडऩे के साथ-साथ डाटा संग्रह की प्रक्रिया भी प्रभावित रही।
इन सेक्टर्स में रह सकती है इतनी गिरावट
जीडीपी के प्रथम अग्रिम अनुमान के अनुसार, चालू वित्तवर्ष में व्यापार, होटल, परिवहन, संचार और प्रसारण संबंधी सेवाओं के वास्तविक जीडीपी में 21.3 फीसदी की गिरावट रह सकती है, जबकि वित्तीय, रियल स्टेट और पेशेवर सेवाओं में 0.8 फीसदी और लोक प्रशासन, प्रतिरक्षा और अन्य सेवाओं में 3.7 फीसदी की गिरावट रहने का अनुमान है। वहीं, कृषि, वानिकी और माहीगिरी के वास्तविक जीवीए में 3.4 फीसदी की वृद्धि का अनुमान है, जबकि खनन और खदान के क्षेत्र में 12.4 फीसदी की गिरावट और विनिर्माण क्षेत्र में 9.4 फीसदी की गिरावट का अनुमान है।
वित्त मंत्रालय का आया रिएक्शन
आंकड़ों के बाद वित्त मंत्रालय ने बयान दिया है। मंत्रालय ने कहा है कि 2020-21 का अग्रिम अनुमान चालू वित्त वर्ष की तीसरी और चौथी तिमाही में आर्थिक गतिविधियों में तेजी से सुधार की ओर इशारा कर रहा है। जिसकी वजह से चालू वित्त वर्ष में इकोनॉमी में गिरावट अब 7.7 फीसदी ही रहने का अनुमान है। मंत्रालय के अनुसार तिमाही-दर-तिमाही सुधार इकोनॉमी की मजबूत बुनियाद और लॉकडाउन के बाद वी-आकार के सुधार की ओर संकेत है।