Budget 2021: क्यों पहले सुबह की बजाए शाम 5 बजे पेश होता था आम बजट,किसने तोड़ी ये पंरपरा?

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने पेश किया आज अपना आम बजट (Budget 2021)
अंग्रेजों के शासनकाल में आम बजट फरवरी के पहले दिन नही बल्कि आखिरी दिन शाम 5 बजे पेश किया जाता था

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नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने आज अपना आम बजट (Budget 2021) पेश किया है। जिसकी शुरूआत हमेशा की तरह पहली फरवरी की सुबह 11 बजे से हुई, लेकिन एक समय ऐसा भी था जब देश का आम बजट फरवरी के पहले दिन नही बल्कि आखिरी दिन पेश किया जाता था, और इसका समय शाम के 5 बजे हुआ करता था। यह जानकर भले ही आपको हैरानी लगे लेकिन ये चलन साल 1924 में अंग्रेजो के शासन काल से शुरू हुआ था। जो साल 1999 तक चलता रहा।

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शाम का बजट क्यों था

हमारे देश में शाम को 5 बजे संसद की किसी कार्रवाई का होना काफी अजीब सा लगता है। लेकिन गुलामी के समय अंग्रेज अपनी सुविधा के अनुसार काम किया करते थे।

भारत और ब्रिटेन के समय का फर्क कारण

दरअसल भारत और ब्रिटेन के समय में काफी अंतर होता है जब भारत में शाम के 5 बजते है, तब ब्रिटिश राजधानी लंदन में सुबह के लगभग 11 बजे होते हैं। इसके बाद ब्रिटिश संसद के सभी नेता आराम से तैयार होकर रेडियो पर बजट सुन पाते थे। और यही वजह थी कि हमारे ही बजट का समय उनकी सुविधा के अनुसार हो गया।

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समय का अंतर एक वजह
बजट को शाम 5 बजे पेश करने की एक बड़ी वजह ये भी थी कि यदि हम अपने आम बजट की कार्रवाई करने का समय 11 बजे शुरू करते तो ब्रिटेन में तब सुबह के 5 बजे होते। और इस समय स्टॉक एक्सचेंज बंद रहता था और बजट के मुताबिक कोई हलचल नहीं हो पाती थी। यही देखते हुए ब्रिटिश इंडिया के बजट का समय शाम 5 बजे कर दिया गया।

इतनी ही नही अपनी सुविधा को देखते हुए बजट फरवरी के आखिरी दिन पेश किया जाता था क्योंकि बजट को पेश करने के दौरान काफी मेहनत करनी होती है। जिससे लोग काफी थक जाते थे। इ,लिए कर्मचारियों-अधिकारियों को आराम देने के लिए बजट को पेश किए जाने की प्रक्रिया फरवरी के आखिरी दिन रखी जाने लगी। ताकि अगले दिन और महीने की शुरुआत में बजट से जुड़े लोग छुट्टी लेकर आराम कर सकें।

देश की आजादी के बाद तोड़ी परंपरा

देश की अजादी के बाद कई चीजों में बदलाव किए गए। क्योंकि शांम का समय भारतीय नेताओं को थका देने वाला था। क्योकि शाम 5 बजे बजट पेश होने के बाद वित्त मंत्री को मीडिया का जवाब देते और सारी कार्रवाई पूरी करते करते आधी रात हो जाया करती थी इसी को देखते हुए भूतपूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा और उस समय के वित्त सचिव विजय केलकर ने माना कि सुबह का समय बजट पेश करने के लिए बेहतर है। और साल 1999 में चर्चा करने के बाद पुरानी पंरपरा को तोड़ना जरूरी समझा। इसके बाद 27 फरवरी को सुबह 11 बजे साल 1999-2000 का बजट पारित हुआ। इसी तरह से महीने में भी बदलाव हो गया।

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