आइए जानते हैं आखिर क्या है ट्रेड वॉर ट्रेड वार को समझने के लिए पहले संरक्षणवाद को समझना होगा. संरक्षणवाद एक प्रकार की आर्थिक नीति है जिसमें देशों के बीच अलग -अलग कर के जरिए व्यापार निरोधक लगाया जाता है. व्यापार विरोधक का मतलब है। आयातित वस्तुओं पर शुल्क लगाना इसके अलावे प्रतिबंधक आरक्षण,और अन्य बहुत से सरकारी प्रतिबंधक नियम होते हैं जिनका उदेश्य आयात को हतोत्साहित करना है, और विदेशी कंपनियों से घरेलू बाजारों पर पड़ने वाले दबाव या प्रभाव को रोकना है। इस नीति को अवैश्विकरण कहा जाता है कारण इसके तहत वैश्विक व्यापार को प्रतिबंधित या करों के जरिए हतोत्साहित कर घरेलू व्यापार को संरक्षण दिया जाता है।
भारत पर असर ट्रेड वार वैश्विक व्यापार के लिए कतई सही नहीं ठहराया जाएगा। अमेरिका के इस कदम का जवाब सभी देश इसी तरह देने लगें तो विश्व में तीसरा महायुद्ध का कारण व्यापार युद्ध होगा। जहां तक भारत का संबंध है तो अमेरिका के इस कदम से भारत पर बहुत ज्यादा असर नहीं होगा कारण भारत के निर्यात में अमेरीका की हिस्सेदारी लगभग 2 फीसदी ही है। लेकिन जो स्टील पहले अमेरिका जा रहा था वो अब भारत के बाजार में आ सकता है जो भारत के लिए डंपिंग होगी।