लोगों को पेट्रोल-डीजल छोड़ने के लिए किया जाएगा प्रेरित भारत में इलेक्ट्रिक कारों का निर्माण और उपयोग को बढ़ावा देने के लिए FAME का गठन किया गया है। इसके तहत लोगों को पेट्रोल और डीजल की गाड़ियों को छोड़ने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। FAME के पहले चरण के लिए 700 करोड़ रुपए का बजट आवंटित किया गया था। FAME को संचालित करने वाले पैनल ने इसके दूसरे चरण की बैठक में हाईब्रिड गाड़ियों और ट्रकों को सब्सिडी योजना से बाहर रखने की सिफारिश की है।
5 साल तक चलेगी योजना इलेक्ट्रिक कारों को सब्सिडी देने की यह योजना पांच साल तक चलेगी। FEMA के संचालन पैनल ने इसके लिए सरकार से 5500 करोड़ रुपए के आवंटन की सिफारिश की है। पैनल की ओर से की गई सिफारिशों के अनुसार इलेक्ट्रिक कार पर उसकी कीमत की 20फीसदी तक सब्सिडी दी जाएगी। यदि पैनल की सिफारिशों को माना जाता है तो टाटा और महिंद्रा की मौजूदा इलेक्ट्रिक कार पर करीब 1.4 लाख रुपए की सब्सिडी मिलेगी। पैनल के अनुसार वाहन की बैटरी झमता के आधार पर सब्सिडी दी जाएगी। इसमें हर किलोवाट आवर (KWH) पर 10 हजार रुपए की सब्सिडी देने की सिफारिश की गई है। हालांकि सरकार ने सरकार एक निश्चित सीमा तक ही सब्सिडीयुक्त इलेक्ट्रिक वाहनों बेचने की अनुमति देगी।