केंद्रीय कर्मचारियों को 2 साल का बोनस मिलेगा : जेटली
जेटली ने केन्द्रीय ट्रेड यूनियनों की मांगों के चार्टर पर संवाददाता
सम्मेलन में कहा कि बोनस संशोधन अधिनियम को सख्ती से लागू किया जाएगा
नई दिल्ली। केंद्र सरकार के करीब 33 लाख कर्मचारियों के लिए सरकार ने मंगलवार को सालाना बोनस की घोषणा की, जो पिछले दो सालों से बकाया था। इस बारे में केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कहा, केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए 2014-15 और 2015-16 का बोनस संशोधित मानदंडों के आधार पर जारी किया जाएगा। यह दो सालों से बकाया था। इसके बाद बोनस को सातवें वेतन आयोग के तहत दिया जाएगा।
जेटली ने केन्द्रीय ट्रेड यूनियनों की मांगों के चार्टर पर संवाददाता सम्मेलन में कहा कि बोनस संशोधन अधिनियम को सख्ती से लागू किया जाएगा। इस सम्मेलन में श्रम मंत्री बंडारू दत्तात्रेय और बिजली मंत्री पीयूष गोयल ने भी भाग लिया। वहीं, श्रम संगठनों की विभिन्न मांगों को लेकर दो सितंबर को होनेवाली प्रस्तावित हड़ताल को रोकने के लिए सरकार ने अकुशल गैर कृषि मजदूरों की न्यूनतम मजदूरी बढ़ाकर 350 रुपये करने की घोषणा की है, जो पहले 112 रुपये थी।
जेटली ने इसके अलावा कहा कि सरकार ठेका श्रमिक कानून के अनुपालन के संबंध में सभी राज्यों को पत्र लिखेगी। ठेका श्रमिकों और उनके स्टॉफ एजेंसियों का पंजीकरण कानून के अनुसार अनिवार्य है और राज्यों को कड़ाई से लागू करने के लिए सलाह जारी की जाएगी। जेटली ने कहा कि असंगठित क्षेत्र को सामाजिक सुरक्षा लाभ देने के मुद्दे (जैसे, आंगनवाड़ी, मिड-डे मील, आशा, स्वयंसेवक आदि) पर एक समिति विचार कर रही है, जो जल्द से जल्द अपनी रपट दे देगी।
यह सुनिश्चित करने के लिए सभी राज्यों को परामर्श जारी किया जाएगा कि श्रम संगठनों का पंजीकरण 45 दिनों के अंदर हो जाना चाहिए। जेटली ने संवादादातओं से कहा, हमने श्रम संगठनों के साथ व्यक्तिगत और सामूहिक बैठक की है। हमने श्रम संगठनों के साथ विचार-विमर्श किया है। सभी श्रम संगठनों के साथ बैठक हुई है। जेटली ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक कर्मचारियों को जो सहयोगी बैंकों के साथ भारतीय स्टेट बैंक के विलय का विरोध कर रहे हैं, से कहा कि इस विलय से बैंककर्मियों की सेवा शर्तों से कोई बदलाव नहीं होगा।
भाजपा से संबंधित मजदूर संगठन भारतीय मजदूर संघ (बीएमएस) के एक प्रवक्ता ने आईएएनएस से कहा कि वे दो सितंबर को प्रस्तावित हड़ताल को रद्द कर रहे हैं, क्योंकि सरकार ने चार्टर में उनकी कई मांगों को स्वीकार कर लिया है। बीएमएस ने अलग से एक बयान जारी कर अपने संबद्ध संगठनों, सदस्यों और शुभचिंतकों से दो सितंबर को किसी हड़ताल में भाग नहीं लेने का निर्देश दिया है।
बीएमएस ने कहा, बीएमएस का दृढ़ता से मानना है कि वार्ता के परिणाम हाल के दिनों में भारतीय कामगारों के लिए सबसे उपयोगी और महान उपलब्धि रही है। बीएमएस सही निर्णय लेने के लिए भारत सरकार को धन्यवाद व्यक्त करता है।
सरकार की ओर से मंगलवार को की गई यह घोषणा शीर्ष स्तर पर सोमवार को एक आपात बैठक का नतीजा है, जिसकी अध्यक्षता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की थी। यह बैठक श्रम संगठनों की दो सितंबर को प्रस्तावित हड़ताल को रोकने के लिए उनकी मांगों पर फैसला करने के लिए बुलाई गई थी।