अगले दो सालों में आपको 2000 रुपए के नोट नजर ही ना आएं। इसके लिए आरबीआर्इ की आेर से अभी से तैयारी शुरू कर दी है।
नर्इ दिल्ली। आरबीआर्इ की रिपोर्ट आर्इ थी कि देश में की गर्इ नोटबंदी के बाद पुराने नोटों की वापसी का अांकड़ा 99 फीसदी से अधिक है। जो देश के लिए बड़ी ही हैरानी की बात थी। अब जो रिपोर्ट सामने आर्इ हैं वो आैर हैरानी वाली बात है। क्योंकि यह रिपोर्ट देश की सबसे बड़ी नोटबंदी की आेर इशारा कर रही है। जी हां, अगले दो सालों में आपको 2000 रुपए के नोट नजर ही ना आएं। इसके लिए आरबीआर्इ की आेर से अभी से तैयारी शुरू कर दी है। आइए आपको भी बताते हैं…
इसलिए उठाया जा रहा है कदम
आरबीआई बड़े मूल्य के नोटों की जमाखोरी पर लगाम लगाने के लिए 2000 रुपए के नोटों के सर्कुलेशन में कमी कर रहा है। आंकड़ों की मानें तो देश में चलन में मौजूद कुल नोटों में 2000 रुपए के करंसी नोटों का रेश्यो 50 फीसदी से 37 फीसदी पर आ गया है। वहीं 2000 रुपए के नोटों की संख्या 350 करोड़ से घटकर 15.1 करोड़ पर आ गर्इ है। आपको बता दें कि कि 500 आैर 1000 रुपए के नोटों को बंद करने के बाद 2000 रुपए के नोटों की जमाखाेरी शुरू हो गर्इ है।
500 के नए नोटों का चलन बढ़ा
वहीं दूसरी आेर 500 रुपए के नए नोटों का चलन पिछले एक साल के मुकाबले 20 फीसदी के आसपास बढ़ गया है। आंकड़ों के अनुसार सालभर पहले 500 रुपए के नए नोटों का चलन 23 फीसदी था जो अब बढ़कर 43 फीसदी हो गया है। वित्त वर्ष 2017-18 के लिए कुल मांग इससे पिछले साल के मुकाबले 9.1 फीसदी ज्यादा थी। हालांकि पिछले साल के मुकाबले बैंक नोटों की सप्लार्इ कम थी। वहीं 10239.5 करोड़ बैंक नोटों की वैल्यू मार्च 2018 के अंत में सालभर पहले के मुकाबले 37.7 फीसदी से बढ़कर 18 लाख करोड़ रुपए हो गर्इ है। आरबीआई वॉर्निश्ड बैंक नोट जारी करने की योजना पर काम रही है। ताकि नोटों की लाइफ को थोड़ा आैर बढ़ाया जा सके। आरबीआई के अनुसार इसकी शुरूआत ट्रायल बेसिस पर की जाएगी।