देश के 32 प्रदेश मिलकर देते है सिर्फ 30 फीसदी तक टैक्स

महाराष्ट्र व दिल्ली ही वो दो राज्य हैं जिनकी डायरेक्ट टैक्स देने में 50 फीसदी तक की हिस्सेदारी हैं।

<p>देश के 32 प्रदेश मिलकर देते है सिर्फ 30 फीसदी तक टैक्स</p>
नई दिल्ली। इनकम टैक्स विभाग के आंकड़ों के मुताबिक वित्त वर्ष 2017-18 में डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन में बड़ा इजाफा हुआ है। पिछले साल की तुलना में 19.3 फीसदी तक अधिक टैक्स कलेक्शन हुआ है। लेकिन चौका देन वाली बात तो तब सामने आई जब यह पता चला की केंद्र सरकार को मिलने वाले कुल डायरेक्ट टैक्स में 50 फीसदी हिस्सेदारी सिर्फ दो राज्यों की हैं। जी हां इनकम टैक्स विभाग के जारी आंकड़ों के मुताबिक महाराष्ट्र और दिल्ली ही वो दो राज्य हैं जिनकी डायरेक्ट टैक्स देने में 50 फीसदी तक की हिस्सेदारी हैं।

32 प्रदेश सिर्फ 30 फीसदी तक देते है डायरेक्ट टैक्स
भारत में कुल 30 राज्य हैं और छह केंद्र शासित प्रदेश। लेकिन बात जब डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन की हुई तो उसमें सिर्फ महाराष्ट्र और दिल्ली का नाम ही आगे आ रहा हैं। गुजरात जिसे कारोबारी राज्य के रूप में देखा जाता है, डायरेक्ट टैक्स देने में काफी पीछे है।अगर हम इसमें कर्नाटक व तमिलनाडु की हिस्सेदारी को भी जोड़ देते है तो यह हिस्सेदारी 70 फीसदी तक हो जाती है।इसकी सीधा मतलब यहीं है की देश के 32 प्रदेश सिर्फ 30 फीसदी तक ही डायरेक्ट टैक्स भर रहे हैं।
हर साल बढ़ रहा है टैक्स कलेक्शन
इनकम टैक्स विभाग के आंकड़ों के मुताबिक डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन लगातार बढ़ रहे हैं। ये बात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी 72वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर देश को संबोधित करते अपने भाषण हुए कहा था की पिछले चार साल के मुकाबले इस साल डायरेक्ट टैक्स देने वालों की संख्या 4 करोड़ से बढ़कर 6.75 करोड़ हुई है। वहीं अप्रत्यक्ष करदाताओं की संख्या जहां पहले 70 लाख थी, जीएसटी लागू होने के एक साल में ही बढ़कर 1.16 करोड़ पर पहुंच गई। वित्त वर्ष 2014-15 में डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन 695788.8 करोड़ रुपए रहे। वित्त वर्ष 2015-16 में यह कलेक्शन बढ़कर 741722.60 करोड़ रुपए हो गए। वित्त वर्ष 2016-17 में यह कलेक्शन 849818.48 करोड़ के स्तर पर पहुंच गया।
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