ताजमहल के बारे में कुछ ऐसी रहस्यमयी बातें, जो बहुत कम लोगों ही है पता

ताजमहल को दुनिया के 7 अजूबों में शामिल गया है। इसको मुगल बादशाह शाहजहां अपने अपनी बेगम मुमताज की मृत्यु के बताया बनाया है। इसको दुनियाभर में आज प्रेम की अद्भुत मिसाल के तौर पर देखा जाता है। ताजमहल को लेकर इस प्रकार की बातें तो सभी जानते है।

<p>Taj Mahal </p>

नई दिल्ली। ताजमहल को दुनिया के 7 अजूबों में शामिल गया है। इसको मुगल बादशाह शाहजहां अपने अपनी बेगम मुमताज की मृत्यु के बताया बनाया है। इसको दुनियाभर में आज प्रेम की अद्भुत मिसाल के तौर पर देखा जाता है। ताजमहल को लेकर इस प्रकार की बातें तो सभी जानते है। लेकिन आज आपको इसको लेकर कुछ ऐसी बातें बताने जा रहे है जिससे शायद आप अनजान है या इनको बहुत कम लोग ही जाते है। आइए जानते है ताजमहल के बारे में कुछ अनसुनी बातें…….

— मुगल बादशाह होने के साथ-साथ वे आर्किटेक्चर की दुनिया के भी बादशाह थे। इमारतों के लिए उनका परफेक्शनिस्ट जुनून आजीवन बरकरार रहा।
— ताजमहल की कलाकृति में 28 तरह के कीमती पत्थरों को लगाया गया था। उन पत्थरों को शाहजहां ने चीन, तिब्बत और श्रीलंका से मंगवाया था।
— कहा जाता है, कि जिन मजदूरों ने ताजमहल को बनाया था, शाहजहां ने उनके हाथ कटवा दिये थे।
— कहा जाता है कि ताजमहल एक ऐसी लकड़ी पर बना हुआ है जिसे मज़बूत बनाए रखने के लिए गीलेपन की जरूरत होती है। अगर ताज महल के बगल में यमुना नदी नहीं बह रही होती तो ये लकड़ी मज़बूत नहीं रहेती।

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— ताजमहल के चारों ओर के मीनार एक दूसरे की ओर झुके हुए हैं ऐसा इसलिए है ताकि भूकंप या बिजली के गिरने की हालत में मीनार को गुम्बद पर गिरने से बचाया जा सके।
— ताजमहल के बनने में 32 मिलियन खर्च हुए थे, जिसकी आज की कीमत 106.28 से भी अधिक है।

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— ताजमहल के निर्माण में 22 साल लगे थे।
— 1,000 हाथियों के जरिए ताजमहल के निर्माण सामग्री को लाया गया था।
— ताजमहल की वास्तु शैली में फारसी, तुर्क, भारतीय और इस्लामी वास्तुकला का मिश्रण है।
— ताजमहल का निर्माण 1632 ईश्वी में शुरू हुआ था और 1653 में गुम्बद बनकर तैयार हुआ।

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