— मुगल बादशाह होने के साथ-साथ वे आर्किटेक्चर की दुनिया के भी बादशाह थे। इमारतों के लिए उनका परफेक्शनिस्ट जुनून आजीवन बरकरार रहा।
— ताजमहल की कलाकृति में 28 तरह के कीमती पत्थरों को लगाया गया था। उन पत्थरों को शाहजहां ने चीन, तिब्बत और श्रीलंका से मंगवाया था।
— कहा जाता है, कि जिन मजदूरों ने ताजमहल को बनाया था, शाहजहां ने उनके हाथ कटवा दिये थे।
— कहा जाता है कि ताजमहल एक ऐसी लकड़ी पर बना हुआ है जिसे मज़बूत बनाए रखने के लिए गीलेपन की जरूरत होती है। अगर ताज महल के बगल में यमुना नदी नहीं बह रही होती तो ये लकड़ी मज़बूत नहीं रहेती।
यह भी पढ़े :— पत्नी को महंगा पड़ा झगड़ा करना, घर से 450KM पैदल चला पति, पुलिस ने लगाया जुर्माना
— ताजमहल के चारों ओर के मीनार एक दूसरे की ओर झुके हुए हैं ऐसा इसलिए है ताकि भूकंप या बिजली के गिरने की हालत में मीनार को गुम्बद पर गिरने से बचाया जा सके।
— ताजमहल के बनने में 32 मिलियन खर्च हुए थे, जिसकी आज की कीमत 106.28 से भी अधिक है।
यह भी पढ़े :— दुनिया का एक ऐसा गांव जहां नहीं होती कभी बारिश, कारण जान रह जाएंगे दंग
— ताजमहल के निर्माण में 22 साल लगे थे।
— 1,000 हाथियों के जरिए ताजमहल के निर्माण सामग्री को लाया गया था।
— ताजमहल की वास्तु शैली में फारसी, तुर्क, भारतीय और इस्लामी वास्तुकला का मिश्रण है।
— ताजमहल का निर्माण 1632 ईश्वी में शुरू हुआ था और 1653 में गुम्बद बनकर तैयार हुआ।