दस का दम

गणेश चतुर्थी पर घर लाएं इस रंग के गणेश जी, पति-पत्नी में कभी नहीं होगा झगड़ा

गजानन की सूंड तीन तरह की होती हैं, सबका अलग-अलग महत्व होता है

नई दिल्लीSep 11, 2018 / 10:41 am

Soma Roy

गणेश चतुर्थी पर घर लाएं इस रंग के गणेश जी, पति-पत्नी में कभी नहीं होगा झगड़ा

नई दिल्ली। गणेश चतुर्थी का पर्व इस बार 13 सितंबर को है। इस दिन गणेश जी की स्थापना करने से पुण्य के साथ भक्तों की मनोकामनाएं भी पूरी होती हैं, लेकिन इस दिन खास रंग और सूंड वाले गणपति घर लाने से जीवन में आ रही सारी परेशानियां दूर हो जाएंगी।
1.पौराणिक ग्रंथों के अनुसार गणेश जी की अलग-अलग दिशा में सूंड विभिन्न चीजों का संकेत देते हैं। आमतौर पर गणेश जी की सूंड तीन तरह की होती है। पहली दाईं, दूसरी बाईं और तीसरी सीधी होती हैं। इन तीनों सूंडों के मिश्रण वाले गजानन को महागणपति कहते हैं।
2.गणेश जी के दाईं ओर सूंड को अत्यन्त शुभ माना जाता है। इसे दक्षिणाभिमुखी विग्रह भी कहते हैं। चूंकि सूंड दाएं हाथ की ओर होता है इसलिए ये सूर्य नाड़ी को दर्शाता है।

3.सूर्य नाड़ी तेज का प्रतीक होता है, इसिलए गजानन के इस स्वरूप की पूजा करने से व्यक्ति पराक्रमी एवं बलशाली बनता है। इससे व्यक्ति को समाज में मान-सम्मान एवं प्रतिष्ठा मिलेगी। साथ ही अच्छी नौकरी मिलने के भी आसार रहते हैं।
4.दाईं ओर सूंड वाले गणपति को सिद्धि विनायक का अवतार माना जाता है। इनकी पूजा हमेशा रेशमी वस्त्र पहनकर करनी चाहिए। साथ ही इन्हें रेशमी धागों से बुने हुए ही कपड़े पहनाने चाहिए।

5.दक्षिणाभिमुखी गणपति को मंदिरों में पूजा के लिए सबसे बेहतर माना जाता है। क्योंकि कर्मकांडों के आधार पर दाईं सूंड वाले लंबोदर की पूजा की जाती है। इन्हें मोदक का भोग लगाने से व्यक्ति की सारी मनोकामनाएं पूरी होती है।
6.गणेश जी की जिस प्रतिमा में उनकी सूंड बाईं तरफ होती है उन्हें वाममुखी माना जाता है। गजानन के इस स्वरूप को वक्रतुंड भी कहा जाता है। ये चंद्रनाड़ी का प्रतीक होता है।

7.चंद्र ग्रह के प्रभाव के चलते गणेश जी के इस स्वरूप को शांत और शीतल माना जाता है। इसलिए इसे घर पर रखने के लिए शुभ माना जाता है। ग्रहस्थों को बाई ओर सूंड वाले गजानन की पूजा करनी चाहिए। इससे पति-पत्नी के बीच संबंध मधुर रहेंगे और कलह नहीं होगी।
8.दक्षिणाभिमुखी गणेश की पूजा में जहां ज्यादा नियमों का ध्यान रखना पड़ता है, वहीं वाममुखी गणपति के पूजन में ज्यादा नियम की जरूरत नहीं होती है। ये सच्चे मन से की गई साधारण पूजा से भी प्रसन्न हो जाते हैं। इन्हें बूंदी के लड्डू चढ़ाना शुभ माना जाता है।
9.जिन मूर्तियों में गणेश जी की सूंड सीधी होती है वो मोक्ष की प्रतीक होती हैं। गणेश जी के इस स्वरूप की पूजा साधु-सन्यासियों के लिए बेहतर मानी जाती है। इनकी पूजा करने से भक्तों को सिद्धि प्राप्त होती है।
10.गजानन के लाल स्वरूप को विघ्नहर्ता माना जाता है। इनकी पूजा करने से व्यक्ति के जीवन में आ रही सारी परेशानियां दूर हो जाती है। इसलिए इस गणेश चतुर्थी को सिंदूर रंग के गणेश जी की प्रतिमा स्थापित करें।

Home / Dus Ka Dum / गणेश चतुर्थी पर घर लाएं इस रंग के गणेश जी, पति-पत्नी में कभी नहीं होगा झगड़ा

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.