‘बीहड़ में बागी होते हैं, डकैत मिलते हैं पार्लियामेंट में’, इरफान खान के 10 यादगार डायलॉग

बॉलीवुड के मशहूर एक्टर इरफान खान (Irrfan Khan) का निधन हो गया है, खराब स्वास्थ्य को लेकर मुंबई के कोकिलाबेन अस्पताल में भर्ती कराया गया था

नई दिल्ली। बॉलीवुड का सबसे नायाब सितारा इरफान खान अब इस दुनिया में नहीं है। 54 साल के इरफान मे मुंबई के कोकिलाबेन अस्पताल में तिम सांस ली। वे काफी लंबे वक्त से बीमार थे और बीते दिनों ही उन्हें अस्पताल में भर्ती करवाया गया थ। इरफान खान के जाने से पूरे देश में शोक का माहौल है।

इरफान खान जिस तरह सहजता से प्रेमिका के कान में रोमांटिक लाइनें फुसाफुसा कर बोलते हैं, उसी सहजता से वो धमकी भी देते हैं और किसी की कनपटी पर रिवॉलवर रख देते हैं। आज हम आपको उनके दस बेहतरीन डायलॉग्स (All Time Superhit Dialogues of Irrfan Khan) बताएंगे जिन्‍हें बोलकर उन्‍होंने अमर कर दिया है।

फिल्म गुंडे

पिस्तौल की गोली और लौंडिया की बोली जब चलती है, तो जान दोनों में ही खतरे में होती है।

फिल्म डी-डे

गलतियां भी रिश्‍तों की तरह होती हैं, करनी नहीं पड़ती, हो जाती हैं।

फिल्म जज़्बा

शराफत की दुनिया का किस्‍सा ही खतम, अब जैसी दुनिया वैसे हम

फिल्म मदारी

तुम मेरी दुनिया छीनोगे, मैं तुम्‍हारी दुनिया में घुस जाऊंगा


फिल्म तलवार

तलवार मर्डर केस पर बनी फिल्म के डायलॉग “किसी भी बेगुनाह को सज़ा मिलने से अच्छा है दस गुनहगार छूट जायें.” ने भी खूब सुर्खियां बटोरी हैं।

फिल्म द किलर

बडे शहरों की हवा और छोटे शहरों का पानी, बड़ा खतरनाक होता है.” फिल्म द किलर के इस डायलॉग से एक सच्चाई झलकती है।

फिल्म ये साली जिंदगी

फिल्म ये साली जिंदगी का डायलॉग “लोग सुनेंगे तो क्‍या कहेंगे, ***** आशिकी के चक्कर में मर गया, और लौन्डिया भी नहीं मिली।

फिल्म पान सिंह तोमर

बीहड़ में बागी होते हैं, डकैत मिलते हैं पार्लियामेंट में

फिल्म हासिल

और जान से मार देना बेटा, हम रह गये ना, मारने में देर नहीं लगायेंगे,भगवान कसम.” इरफान खान का ये डायलॉग भी उनकी संवाद अदायगी को अलग बनाता है।

फिल्म पीकू

डेथ और शिट, किसी को, कहीं भी, कभी भी, आ सकती है

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