किताबों की खरीद में गड़बड़ी की बू!

डूंगरपुर.मेडिकल कॉलेज डूंगरपुर में पुस्तकालय के लिए पुस्तकें और जरनल्स की खरीद प्रक्रिया में गड़बड़ी की बू आ रही है। एक तरह कॉलेज ने कोटेशन आमंत्रित किए, वहीं दूसरी ओर सीमित निविदा अंकित किया। कोटेशन भी सिर्फ स्पीड पोस्ट से लिए गए, व्यक्तिगत रूप से प्रस्तुत करने पर स्वीकार नहीं किया। खरीद प्रक्रिया पर सवाल उठने के बाद अब कॉलेज प्राचार्य और लेखा शाखा विरोधाभासी वक्तव्य दे रहे हैं।

<p>किताबों की खरीद में गड़बड़ी की बू!</p>
किताबों की खरीद में गड़बड़ी की बू!
– मेडिकल कॉलेज का मामला
– 20 लाख की किताबें खरीदने मांगे कोटेशन
– सिर्फ स्पीड पोस्ट से स्वीकारे आवेदन, व्यक्तिगत रूप से पहुंचने पर लौटाया
डूंगरपुर.
मेडिकल कॉलेज डूंगरपुर में पुस्तकालय के लिए पुस्तकें और जरनल्स की खरीद प्रक्रिया में गड़बड़ी की बू आ रही है। एक तरह कॉलेज ने कोटेशन आमंत्रित किए, वहीं दूसरी ओर सीमित निविदा अंकित किया। कोटेशन भी सिर्फ स्पीड पोस्ट से लिए गए, व्यक्तिगत रूप से प्रस्तुत करने पर स्वीकार नहीं किया। खरीद प्रक्रिया पर सवाल उठने के बाद अब कॉलेज प्राचार्य और लेखा शाखा विरोधाभासी वक्तव्य दे रहे हैं।
यह है मामला
मेडिकल कॉलेज डूंगरपुर में एमबीबीएस विद्यार्थियों के लिए पुस्तकालय में मेडिकल साइन्स के विभिन्न विभागों की करीब 20 लाख रुपए की नवीनतम भारतीय और विदेशी पत्रिकाओं (जरनल्स) और पुस्तकों की खरीद के लिए गत 11 फरवरी 2021 को प्रकाशन फर्म या अधिकृत विक्रेताओं से अधिकतम खुदरा मूल्य/अंकित मूल्य पर छूट की दर से कोटेशन आमंत्रित किए। कोटेशन बंद लिफाफे में स्पीड पोस्ट के जरिए २२ फरवरी सुबह 11 बजे तक प्रेषित किए जाने तय किए। दूसरी ओर एसपीपीपी पार्टल पर जारी बिड के विस्तृत विवरण में इसे सीमित निविदा अंकित किया।
क्या कहते हैं लेखा नियम
राजस्थान लोक उपापन में पारदर्शिता नियम, 2013 के नियम 32 के अनुसार संस्थान पुस्तकों और जरनल्स की खरीद बिना निविदा के सीधे प्रकाशन फर्म या अधिकृत विक्रेता से छूट के आधार पर कर सकता है। इसके लिए कोटेशन प्रक्रिया की भी आवश्यकता नहीं है। इस दृष्टि से महाविद्यालय की ओर से कोटेशन आमंत्रित किए जाने की प्रक्रिया तक तो ठीक है, लेकिन बिड में सीमित निविदा अंकित किया गया है। इससे यहां सामान्य लेखा नियम लागू हो जाते हैं। इसमें निविदा सूचना राष्ट्रीय व राज्य स्तरीय समाचार पत्र में जारी होनी आवश्यक है, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
व्यक्तिगत नहीं लिए कोटेशन
सामान्य निविदा या कोटेशन प्रक्रिया में यदि संबंधित फर्म की ओर से व्यक्तिगत रूप से आवेदन जमा कराया जाए तो उसे अस्वीकार नहीं किया जा सकता, लेकिन महाविद्यालय ने सिर्फ स्पीड पोस्ट से ही स्वीकार किए। 22 फरवरी को उदयपुर की एक फर्म का प्रतिनिधि निर्धारित समय से पूर्व अपने कोटेशन के साथ पहुंचा था, लेकिन स्पीड पोस्ट का हवाला देकर उसे स्वीकार नहीं किया।
इनका कहना…
कोटेशन नियमानुसार ही आमंत्रित किए गए हैं। व्यक्तिगत रूप से आवेदन प्रस्तुत करने पर स्वीकार होने चाहिए थे, लेकिन प्राचार्य जी ने इसके लिए मना कर दिया था।
इंद्रभान मीणा, लेखाधिकारी, मेडिकल कॉलेज, डूंगरपुर
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हम तो चिकित्सक हैं। लेखा नियमों के बारे में तो लेखाशाखा वाले ही जानें। खरीद प्रक्रिया में यदि कुछ गलत हुआ है तो प्रक्रिया निरस्त करा कर दोबारा टेण्डर कराए जाएंगे।
डा. श्रीकांत असावा, प्राचार्य एवं नियंत्रक, मेडिकल कॉलेज, डूंगरपुर
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