दिवाली के बाद गई देव दिवाली, फिर भी जेब खाली

dungarpur jila sahakari bhumi vikas bank: दिवाली के बाद देव दिवाली भी मन गई। लेकिन,डूंगरपुर जिला सहकारी भूमि विकास बैंक के कर्मचारियों की जेब अब भी खाली है। बैंक के कर्मचारियों को पिछले दो माह से वेतन नहीं मिला। इसके कारण कर्मचारियों के परिवार की दिवाली इस बार फीकी रही। वेतन नहीं मिलने से कर्मचारी काफी परेशान है। कभी दूसरों को आर्थिक संबल देने वाले भूमि विकास बैंक के कर्मचारी आज खुद दूसरों का संबल पाने को मोहताज है। वेतन नहीं मिलने से कर्मचारियों को उधार से दिवाली मनानी पड़ी।

<p>कर्ज माफी के बाद सूना पड़ा भूमि विकास बैंक </p>
डूंगरपुर. दिवाली के बाद देव दिवाली भी मन गई। लेकिन,डूंगरपुर जिला सहकारी भूमि विकास बैंक ( dungarpur jila sahakari bhumi vikas bank ) के कर्मचारियों की जेब अब भी खाली है। बैंक के कर्मचारियों को पिछले दो माह से वेतन नहीं मिला। इसके कारण कर्मचारियों के परिवार की दिवाली ( diwali) इस बार फीकी रही। वेतन नहीं मिलने से कर्मचारी काफी परेशान है। कभी दूसरों को आर्थिक संबल देने वाले भूमि विकास बैंक के कर्मचारी आज खुद दूसरों का संबल पाने को मोहताज है। वेतन नहीं मिलने से कर्मचारियों को उधार से दिवाली मनानी पड़ी। जानकार सूत्रों के अनुसार बैंक में वेतन के चैक पर हस्ताक्षर करने वाला कोई अधिकारी नहीं होने से विभाग ने सहकारिता विभाग की निरीक्षक हर्षवती आर्य को इसके लिए अधिकृत कर रखा है। लेकिन, आर्य के पिछले दो माह से वेतन के चैक पर हस्ताक्षर नहीं करने से कर्मचारियों को वेतन नहीं मिल सका।
हस्ताक्षर नहीं होने से अटका वेतन
बैंक में वर्तमान में शाखा सचिव के रूप में दो संविदाकर्मी व चार चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी कार्यरत है। दोनों ही शाखा सचिव संविदाकर्मी होने से चैक पर हस्ताक्षर करने के लिए अधिकृत नहीं है। ऐसे में चैक व सरकारी आदेशों पर हस्ताक्षर के लिए निरीक्षक के पास ही भेजा जाता है। चैक पर हस्ताक्षर नहीं होने से कर्मचारियों का वेतन पिछले दो माह से अटका पड़ा है। यही नहीं बैंक की ओर से वसूली के लिए किराए पर लिए वाहन का दो माह किराए का भी भुगतान नहीं हो सका। इसके चलते वाहन मालिक ने बैंक को उधारी वसूलने के लिए वाहन किराए पर देने से भी इनकार कर दिया। इसके कारण अब वसूली का काम भी अटक गया है। गौरतलब है कि सहकारिता विभाग की निरीक्षक हर्षवती आर्य को पहले प्रतिनियुक्ति पर भूमि विकास बैंक ( bhumi vikas bank in dungarpur ) में निरीक्षक पद पर लगा रखा था, लेकिन कुछ माह पहले उन्हें यहा से रिलीव कर गृह विभाग में भेज दिया, लेकिन सरकारी दस्तावेज, पत्रावली व चैकों पर हस्ताक्षर के लिए उन्हें अधिकृत किया।
– मेरे पास बैंक का एडिशनल चार्ज है और मुझे इसकी कोई जानकारी नहीं मिली। यदि ऐसा है तो मै कर्मचारियों कों वेतन दिलवाने की व्यवस्था करवाता हूं।

अश्विनी वशिष्ठ
सचिव, अतिरिक्त प्रभार डूंगरपुर जिला सहकारी भूमि विकास बैंक
Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.