बालिकाएं पढ़ेंगी, तो प्रोत्साहन की राशि बढ़ेगी

डूंगरपुर. बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश सरकार की ओर से विभिन्न प्रोत्साहन योजनाएं संचालित हो रही है। इसी क्रम में कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिकाओं में नियमित अध्ययनरत रहकर कक्षा आठवीं उत्तीर्ण करने वाली छात्राओं को स्नातक उत्तीर्ण करने पर माध्यमिक शिक्षा विभाग की ओर से प्रोत्साहन स्वरूप विशेष सावधि जमा रसीद (स्पेशल टर्म डिपोजिट रिसीट-एसटीडीआर) योजना से लाभान्वित किया जाएगा। योजना की क्रियान्विति के संबंध में माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने प्रदेश के सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को आदेश जारी

<p>बालिकाएं पढ़ेंगी, तो प्रोत्साहन की राशि बढ़ेगी</p>
बालिकाएं पढ़ेंगी, तो प्रोत्साहन की राशि बढ़ेगी
– बालिकाओं को प्रोत्साहन स्वरूप मिलेगी एसटीडीआर
– मिलेगा बालिका शिक्षा को बढ़ावा
डूंगरपुर.
बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश सरकार की ओर से विभिन्न प्रोत्साहन योजनाएं संचालित हो रही है। इसी क्रम में कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिकाओं में नियमित अध्ययनरत रहकर कक्षा आठवीं उत्तीर्ण करने वाली छात्राओं को स्नातक उत्तीर्ण करने पर माध्यमिक शिक्षा विभाग की ओर से प्रोत्साहन स्वरूप विशेष सावधि जमा रसीद (स्पेशल टर्म डिपोजिट रिसीट-एसटीडीआर) योजना से लाभान्वित किया जाएगा। योजना की क्रियान्विति के संबंध में माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने प्रदेश के सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को आदेश जारी कर पात्र बालिकाओं के प्रस्ताव भेजने के निर्देश दिए हैं।
इतनी मिलेगी राशि
कक्षा 10वीं में न्यूनतम 50 प्रतिशत या अधिक अंकों से उत्तीर्ण कर सत्र 2020-21 मेें राजकीय विद्यालय में कक्षा 11 में अध्ययनरत छात्रा को दो हजार रुपए पांच वर्ष की अवधि के लिए देय होंगे। कक्षा 12वीं में न्यूनतम 50 प्रतिशत अंकों से अधिक अंक लाकर स्नातक के प्रथम वर्ष में दाखिला लेने पर 4000 हजार रुपए देय होंगे। स्नातक उत्तीर्ण करने उपरांत छात्रा राशि आहरित करवा सकेगी।
यह रहेगी पात्रता
शैक्षिक सत्र 2017-18 में किसी बालिका ने केजीबीवी से आठवीं उत्तीर्ण शैक्षिक सत्र 2019-20 में किसी राजकीय विद्यालय में अध्ययन कर 50 प्रतिशत अथवा इससे अधिक अंक हासिल कर 10वीं उत्तीर्ण की हो तथा शैक्षिक सत्र 2020-21 में किसी राजकीय विद्यालय में कक्षा 11वीं में अध्ययनरत हो। वहीं, शैक्षिक सत्र 2019-20 में किसी राजकीय विद्यालय में अध्ययन कर कक्षा 12वीं में 50 प्रतिशत अथवा इससे अधिक अंक से 12वीं उत्तीर्ण कर 2020-21 में किसी राजकीय एवं गैर राजकीय महाविद्यालय में स्नातक स्तर के प्रथम वर्ष में दाखिला लिया हो।
बीच में अध्ययन छोड़ा तो..
योजना के तहत एक बार पात्र हुई बालिकाओं को योजना के तहत देय न्यूनतम शिक्षा अर्जित करनी जरूरी होगी। यदि बालिका बीच में अध्ययन छोड़ देती है, तो वह योजना के तहत अपात्र हो जाएगी और उसे कोई भी राशि नहीं मिलेगी। बाद में इस राशि पर सीधा स्वामित्व राज्य सरकार का हो जाएगा।
अधिकारी ने कहा…
. बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए यह योजना संचालित हो रही है। जल्द ही पात्र बालिकाओं के प्रस्ताव बनाकर निदेशक को प्रेषित किए जाएंगे।
– मणिलाल छगण, मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी
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