नाबालिग के अपहरण व दुष्कर्म के आरोपी को 20 साल का कारावास

डूंगरपुर. नाबालिग को पत्नी बनाने की नीयत से अपहरण कर दुष्कर्म करने के मामले में न्यायालय लैगिंक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 के पीठासीन अधिकारी महेंद्र कुमार सिंहल ने आरोपी युवक को 20 साल के कठोर करावास और जुर्माने की सजा सुनाई। अभियोजन पक्ष के अनुसार पीडि़ता के पिता ने दोवड़ा थाने में 23 जून 2019 को रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इसमें बताया कि प्रार्थी की 16 वर्षीया पुत्री 16 दिन पहले बिना बताए घर से गायब हो गई है। प्रार्थी ने पड़ताल की तो पाया कि देवकी निवासी राकेश उर्फ रमेश पुत्र हकरालाल

<p>नाबालिग के अपहरण व दुष्कर्म के आरोपी को 20 साल का कारावास</p>
नाबालिग के अपहरण व दुष्कर्म के आरोपी को 20 साल का कारावास
डूंगरपुर. नाबालिग को पत्नी बनाने की नीयत से अपहरण कर दुष्कर्म करने के मामले में न्यायालय लैगिंक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 के पीठासीन अधिकारी महेंद्र कुमार सिंहल ने आरोपी युवक को 20 साल के कठोर करावास और जुर्माने की सजा सुनाई।
अभियोजन पक्ष के अनुसार पीडि़ता के पिता ने दोवड़ा थाने में 23 जून 2019 को रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इसमें बताया कि प्रार्थी की 16 वर्षीया पुत्री 16 दिन पहले बिना बताए घर से गायब हो गई है। प्रार्थी ने पड़ताल की तो पाया कि देवकी निवासी राकेश उर्फ रमेश पुत्र हकरालाल उसे पत्नी बनाने के लिए फरार कर ले गया तथा जबरन उससे बलात्कार कर रहा है। पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर छानबीन शुरू की। पीडि़ता को दस्तयाब कर आरोपी को गिरफ्तार किया। अनुसंधान के बाद राकेश उर्फ रमेश के खिलाफ भारतीय दण्ड संहिता की धारा 363, 366, 376 (2) व पोक्सो एक्ट की धारा 5/6 के तहत आरेाप पत्र न्यायालय में पेश किया।
सुनवाई के बाद न्यायालय ने आरोपी को दोषी करार देते हुए विभिन्न धाराओं में 20 साल के कठोर कारावास और 30 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई। साथ ही पीडि़ता को पीडि़त प्रतिकर योजना का लाभ दिए जाने की भी अनुशंसा की। सरकार की ओर से पैरवी विशिष्ट लोक अभियोजक योगेशकुमार ने की।
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