52 कैमरे लगे, नियंत्रण कक्ष बना
डूंगरपुर में शुरूआती दौर में तेजी से इस प्रोजेक्ट पर काम शुरू हुआ। शहर में कुल 130 नए पोल लगाकर 52 कैमरे भी लगाए गए। जिला पुलिस अधीक्षक कार्यालय परिसर में पूर्व में संचालित रसद विभाग कार्यालय के खाली पड़े भवन को अभय कमाण्ड का कंट्रोल रूम मनाया गया। 27 जुलाई 2018 को तत्कालीन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने उसका उद्घाटन भी किया।
रोड़ कटिंग के लिए मांगे 1.82 करोड़
शहर में 466 सीसीटीवी कैमरे लगाने के लिए 202 पोल तक केबलिंग की जानी थी। इसके लिए सूचना प्रौद्योगिकी विभाग और पुलिस महकमे से नगरपरिषद से रोड़ कटिंग की स्वीकृति मांगी। 1 फरवरी 2019 को नगरपरिषद ने शहर के सभी पोईंट्स पर रोड़ कटिंग के लिए 1 करोड़ 82 लाख रुपए का एस्टिमेट दिया। इतनी बड़ी राशि प्रोजेक्ट में उपलब्ध नहीं होने से काम अटक गया।
पत्र पर पत्र, नहीं हुआ समाधान
1.82 करोड़ का एस्टिमेट देखकर प्रोजेक्ट से जुड़ी एजेंसियां सकते में आ गई। प्रशासन, पुलिस, सूचना प्रौद्योगिकी और नगरपरिषद के मध्य कई बार बैठकें भी हुई, लेकिन समाधान नहीं हुआ। सूचना प्रौद्योगिकी विभाग ने अभय कमाण्ड के नोडल ऑफिसर राजकॉम्प इंफ्रा सर्विस जयपुर के निदेशक को 24 जनवरी 2020 को पत्र लिख कर 1.82 रुपए की डिमाण्ड रखी, लेकिन इतनी राशि देने में असमर्थता जताई गई। बाद में 15 अक्टूबर 2020 को तत्कालीन पुलिस अधीक्षक कालूराम रावत ने लागत कम करने के लिए भी नगरपरिषद को पत्र लिखे। साथ ही 21 दिसम्बर 2020 को एडीजी क्राइम सहित अन्य अधिकारियों को पत्र लिखकर डूंगरपुर में सर्वे दोबारा कराने का भी आग्रह किया।
यह मिल सकती है सुविधा
प्रोजेक्ट के तहत यदि शहर में 466 कैमरे लग जाएं तो शहर का हर कौना पुलिस की निगरानी में आ जाएगा। इससे असामाजिक तत्वों की गतिविधियों पर स्वत: अंकुश लग जाएगा। प्रोजेक्ट के तहत हर स्कूल, कॉलेज के आसपास के क्षेत्रों को कवर किया जाना है, इससे इन क्षेत्रों में महिलाओं-युवतियों पर फब्तियां कसने, छेड़छाड़ करने जैसी घटनाएं भी थम सकती हैं। चोरी-लूट, डकैती जैसी वारदातों का खुलासा करने में पुलिस को अधिक समय नहीं लगेगा।
डूंगरपुर में शुरूआती दौर में तेजी से इस प्रोजेक्ट पर काम शुरू हुआ। शहर में कुल 130 नए पोल लगाकर 52 कैमरे भी लगाए गए। जिला पुलिस अधीक्षक कार्यालय परिसर में पूर्व में संचालित रसद विभाग कार्यालय के खाली पड़े भवन को अभय कमाण्ड का कंट्रोल रूम मनाया गया। 27 जुलाई 2018 को तत्कालीन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने उसका उद्घाटन भी किया।
रोड़ कटिंग के लिए मांगे 1.82 करोड़
शहर में 466 सीसीटीवी कैमरे लगाने के लिए 202 पोल तक केबलिंग की जानी थी। इसके लिए सूचना प्रौद्योगिकी विभाग और पुलिस महकमे से नगरपरिषद से रोड़ कटिंग की स्वीकृति मांगी। 1 फरवरी 2019 को नगरपरिषद ने शहर के सभी पोईंट्स पर रोड़ कटिंग के लिए 1 करोड़ 82 लाख रुपए का एस्टिमेट दिया। इतनी बड़ी राशि प्रोजेक्ट में उपलब्ध नहीं होने से काम अटक गया।
पत्र पर पत्र, नहीं हुआ समाधान
1.82 करोड़ का एस्टिमेट देखकर प्रोजेक्ट से जुड़ी एजेंसियां सकते में आ गई। प्रशासन, पुलिस, सूचना प्रौद्योगिकी और नगरपरिषद के मध्य कई बार बैठकें भी हुई, लेकिन समाधान नहीं हुआ। सूचना प्रौद्योगिकी विभाग ने अभय कमाण्ड के नोडल ऑफिसर राजकॉम्प इंफ्रा सर्विस जयपुर के निदेशक को 24 जनवरी 2020 को पत्र लिख कर 1.82 रुपए की डिमाण्ड रखी, लेकिन इतनी राशि देने में असमर्थता जताई गई। बाद में 15 अक्टूबर 2020 को तत्कालीन पुलिस अधीक्षक कालूराम रावत ने लागत कम करने के लिए भी नगरपरिषद को पत्र लिखे। साथ ही 21 दिसम्बर 2020 को एडीजी क्राइम सहित अन्य अधिकारियों को पत्र लिखकर डूंगरपुर में सर्वे दोबारा कराने का भी आग्रह किया।
यह मिल सकती है सुविधा
प्रोजेक्ट के तहत यदि शहर में 466 कैमरे लग जाएं तो शहर का हर कौना पुलिस की निगरानी में आ जाएगा। इससे असामाजिक तत्वों की गतिविधियों पर स्वत: अंकुश लग जाएगा। प्रोजेक्ट के तहत हर स्कूल, कॉलेज के आसपास के क्षेत्रों को कवर किया जाना है, इससे इन क्षेत्रों में महिलाओं-युवतियों पर फब्तियां कसने, छेड़छाड़ करने जैसी घटनाएं भी थम सकती हैं। चोरी-लूट, डकैती जैसी वारदातों का खुलासा करने में पुलिस को अधिक समय नहीं लगेगा।
इनका कहना. . .
अभय कमाण्ड कानून व्यवस्था की दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट है। फिलहाल बहुत कम कैमरे लग पाए हैं। नगरपरिषद ने बहुत ज्यादा राशि का एस्टिमेट दिया है। इस संबंध में उच्चाधिकारियों व नगरपरिषद से पत्र व्यवहार किए हैं, लेकिन कोई समाधान नहीं हुआ है। नगरपरिषद की ओर से भी शहर में 72 कैमरे लगे हैं। उनमें से लगभग 67 चालू हैं। इन कैमरों का भी सहयोग मिल रहा है। फिलहाल नगरपरिषद के फतहगढ़ी स्थित कंट्रोल रूम को अभय कमाण्ड से जोडऩे के प्रयास चल रहे हैं।
सुधीर जोशी, जिला पुलिस अधीक्षक, डूंगरपुर
अभय कमाण्ड कानून व्यवस्था की दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट है। फिलहाल बहुत कम कैमरे लग पाए हैं। नगरपरिषद ने बहुत ज्यादा राशि का एस्टिमेट दिया है। इस संबंध में उच्चाधिकारियों व नगरपरिषद से पत्र व्यवहार किए हैं, लेकिन कोई समाधान नहीं हुआ है। नगरपरिषद की ओर से भी शहर में 72 कैमरे लगे हैं। उनमें से लगभग 67 चालू हैं। इन कैमरों का भी सहयोग मिल रहा है। फिलहाल नगरपरिषद के फतहगढ़ी स्थित कंट्रोल रूम को अभय कमाण्ड से जोडऩे के प्रयास चल रहे हैं।
सुधीर जोशी, जिला पुलिस अधीक्षक, डूंगरपुर
रोड कटिंग एस्टिमेट ज्यादा होने से काम पूरा नहीं हो पाया। पुलिस अधीक्षक की पहल पर नगरपरिषद के सीसीटीवी कैमरों को अभय कमाण्ड कंट्रोल रूम से जोडऩा प्रस्तावित किया है। इसके लिए प्रक्रिया चल रही है। इसके अलावा नई सर्वे कराकर बकाया पोईंट चिन्हित कर कम से कम 30-40 अतिरिक्त कैमरे लगवाने के भी प्रयास किए जा रहे हैं, ताकि रोड कटिंग एस्टिमेट ज्यादा नहीं आए।
सुनील डामोर, संयुक्त निदेशक, सूचना प्रौद्योगिकी एवं संचार विभाग, डूंगरपुर
सुनील डामोर, संयुक्त निदेशक, सूचना प्रौद्योगिकी एवं संचार विभाग, डूंगरपुर
अभय कमाण्ड को लेकर हाल ही जिला कलक्टर, पुलिस अधीक्षक, सूचना प्रौद्योगिकी संयुक्त निदेशक के साथ बैठक हुई थी। नगरपरिषद के सीसीटीवी कैमरों को इससे जोडऩे का प्रस्ताव है। जनहित को ध्यान में रखते हुए अन्य पोईंट के लिए भी सुझाव दिए हैं, ताकि कम लागत में काम हो सके।
नरपतसिंह राजपुरोहित, आयुक्त नगरपरिषद, डूंगरपुर