कारण
घर-ऑफिस दोनों जगह के काम में तालमेल बैठाने से शहरी महिलाओं में पुरुषों के मुकाबले दोगुना तनाव है। यह हृदय रोगों के खतरे को दोगुना करता है। मोटापा, व्यायाम से दूरी, फैमिली हिस्ट्री, धूम्रपान और अधिक शुगर के स्तर को नजरअंदाज करना अन्य कारण हैं। ऐसी महिलाएं जिनमें मेनोपॉज समय से पहले (50 साल) आता है, या कोई सर्जरी के दौर से गुजरी हों, उनमें हृदय संबंधी रोगों का खतरा ज्यादा रहता है। खानपान, व्यायाम व लाइफस्टाइल में बदलाव कर परेशानी को रोका जा सकता है।
लक्षण
महिलाओं में हृदय रोग के लक्षण पुरुषों से भिन्न दिखाई पड़ते हैं। कुछ लक्षणों की बात करें तो गर्दन, जबड़े, कंधे, कमर का ऊपरी हिस्सा या उदर के आसपास बेचैनी, सांसों का छोटा होना, दाहिने हाथ में दर्द, उल्टी महसूस होना, सिर हल्का लगना, बेहोशी छाना या थकावट जैसे लक्षण दिखाई देते हैं।
एक्यूप्रेशर चिकित्सा… सीने में दर्द व धडक़नें सामान्य करते पॉइंट्स
हृदय की बढ़ती बीमारियां अब 30-40 वर्ष के व्यक्तियों को भी प्रभावित कर रही हैं। कुछ एक्यूप्रेशर पॉइंट्स पर दबाव बनाकर हृदय रोगों से बच सकते हैं। जानें रक्तसंचार बेहतर करने, सीने में दर्द व अनियमित धडक़नों को सामान्य करने के कुछ एक्यूप्रेशर बिंदुओं के बारे में-
अनियमित धडक़नें: ये पॉइंट्स कॉलर बोन के नीचे स्थित हैं। खासकर सीने में भारीपन, घबराहट व सांस लेने में तकलीफ होने पर इन बिंदुओं पर प्रेशर दें।
प्रेशर कब: दिन में २-३ बार १ मिनट के लिए इन बिंदुओं पर प्रेशर दें। इससे रोग प्रतिरोधक तंत्र पर असर होने से एनर्जी बढ़ेगी और सीने में जकडऩ की समस्या भी दूर होगी।
सीने में दर्द: सीने के बीच स्थित बिंदु हृदय संबंधी रोगों की वजह से सीने में दर्द, अनियमित धडकनों और सीने में भारीपन की ओर इशारा करता है। इस पर प्रेशर देना फायदेमंद है।
प्रेशर कब: रोजाना ३-४ बार इस बिंदु पर प्रेशर दें। सांस की तकलीफ, कफ व सीने में भारीपन नहीं रहता।
बेहतर रक्तसंचार: हाथ की कलाई, कोहनी व इन दोनों के बीच वाली जगह पर हृदय से जुड़े रोगों को दूर करने के एक्यूप्रेशर बिंदु मौजूद होते हैं।
प्रेशर कब: दिन में ५-६ मिनट के लिए इन पॉइंट्स को दबाएं। इससे नसों की रुकावट दूर होने से तनाव कम होगा और रक्तसंचार बढ़ेगा।