कारण : यह जीवाणु से होने वाला संक्रमण है। ये किसी भी उम्र के लोगों को प्रभावित कर सकता है। इस जीवाणु से बचने के लिए लगने वाले टीके के कारण बच्चों में इसके मामले घटे हैं। गले में सूजन व अन्य कारणों में अधिक गर्म और पतली चीजें निगलना या फिर गले में चोट लगना भी वजह हो सकता है।
लक्षण : गले में तेज दर्द, बुखार, खानपान की चीजें निगलने में दिक्कत, लार टपकना व आवाज में बदलाव। सांस में तकलीफ हो सकती है। ये लक्षण तेजी से कुछ ही दिनों में पनपते हैं। थकान व घबराहट हो सकती है। सांस लेने में परेशानी बढ़ने पर तुरंत इलाज की जरूरत पड़ती है।
उपचार : एक्स-रे में यह भाग अंगूठे के आकार का दिखाई देता है। एंटीबायोटिक्स, दर्द निवारक व सूजन कम करने वाली दवाएं दी जाती हैं। बैक्टीरिया से बचने के लिए बच्चों में डेढ, ढाई, साढ़े तीन व 18वें माह में हिब वैक्सीन लगाई जाती है।