Research: सिजोफ्रेनिया पीडि़तों के लिए खुशखबरी, अब ईलाज होगा आसान

यह एक ऐसी मानसिक बीमारी है, जिसके तहत व्यक्ति के सोचने-समझने की क्षमता नष्ट हो जाती है…
 
 

<p>Schizophrenia</p>

सिडनी। सिजोफ्रेनिया एक गंभीर मानसिक बीमारी है। इस बीमारी का असर पीडि़त के काम, रिलेशनशिप के साथ-साथ निजी और सार्वजनिक जीवन पर भी पड़ता है। इस बीमारी का पूर्ण रूप से स्थई ईलाज तो संभव नहीं, लेकिन दवाओं और सही उपचार की मदद से इसके बुरे प्रभाव को कम किया जा सकता है। हालांकि, हाल ही इस पर वैज्ञानिकों ने खोज की है, जिससे आने वाले समय में इसके स्थाई ईलाज की संभावनाएं बनती हैं।

जी हां, सिजोफ्रेनिया (एक प्रकार का मनोविकार) से पीडि़त लोगों पर हुए एक नए शोध से पता चला है कि इस बीमारी से पीडि़त लोगों में प्रतिरक्षा कोशिकाएं अत्यधिक मात्रा में होती हैं। शोधकर्ताओं की इस खोज से नई चिकित्सा और पद्धति के दरवाजे खुलेंगे। दुनियाभर में हजारों लोग सिजोफ्रेनिया से पीडि़त हैं, जो एक गंभीर मानसिक विकार है। ऐसे लोगों के लिए ये रिसर्च किसी खुशखबरी से कम नहीं है। यह विकार किसी व्यक्ति की सोच, अनुभव और स्पष्ट रूप से व्यवहार करने की क्षमता को प्रभावित करता है। इस स्थिति के एक भी कारण की अभी तक पहचान नहीं हो पाई है।सिजोफ्रेनिया दुनिया भर में लगभग 23 मिलियन लोगों को प्रभावित करता है और आज तक कोई भी कारण नहीं मिला है। आस्ट्रेलिया की न्यू साउथ वेल्स यूनिवर्सिटी की प्राध्यापक, अध्ययन की नेतृत्वकर्ता शैनन वीकर्ट ने इस धारणा को चुनौती दी थी कि प्रतिरक्षा कोशिकाएं मनोविकार के दौरान मस्तिष्क से स्वतंत्र रहती हैं और उन्होंने प्रतिरक्षा कोशिकाओं की सिजोफ्रेनिया में एक नए कारण के रूप में पहचान की।

वर्तमान में सिजोफ्रेनिया पर शोध तीन मस्तिष्क कोशिकाओं, जिसमें न्यूरॉन्स, ग्लियल कोशिकाएं जो न्यूरॉन्स का समर्थन करती हैं और एंडोथेलियल कोशिकाएं जो रक्त धमनियां पर परत चढ़ाती हैं, की स्थिति पर केंद्रित है। शैनन और उनकी टीम ने हालांकि नई आणविक तकनीक के इस्तेमाल और चौथी कोशिका मैक्रोफेज की उपस्थिति की पहचान की, जो सिजोफ्रेनिया से पीड़ित लोगों के मस्तिष्क के ऊतकों में प्रतिरक्षा कोशिका है और यह सूजन के उच्च स्तर प्रदर्शित करती है। शैनन ने कहा, “यह निष्कर्ष चिकित्सा के नए रास्ते खोलता है, क्योंकि यह बताता है कि सिजोफ्रेनिया का कारण प्रतिरक्षा कोशिकाओं के भीतर हो सकता है और प्रतिरक्षा कोशिकाएं सिजोफ्रेनिया के लक्षणों में योगदान दे सकती हैं।” यह शोध ‘मॉलीकुलर साइक्रियाट्री’ नामक पत्रिका में प्रकाशित हुआ है।

causes of Schizophrenia In Hindi सिजोफ्रेनिया के कारण
– सिजोफ्रेनिया अनुवांशिक हो सकता है।
– यह गर्भावस्था में सही पोषण ना मिलने पर हो सकता है।
– सिजोफ्रेनिया ड्रग्स का सेवन करने से हो सकता है।

Symptoms of schizophrenia in Hindi सिजोफ्रेनिया के लक्षण
– इस बीमारी से पीडि़त व्यक्ति अक्सर गलत तरीके से ही सोचते हैं। बार-बार भ्रम का शिकार हो जाना सिजोफ्रेनिया का एक संकेत होता है।
– सिजोफ्रेनियासे पीडि़त व्यक्ति को ध्यान लगाने और बोलने में परेशानी होती है ।
– सिजोफ्रेनिया से पीडि़त व्यक्ति अजीबो-गरीब व्यवहार करता है।
– सिजोफ्रेनिया से पीडि़त व्यक्ति को हल्लुसिनेशन हो जाता है।
– सिजोफ्रेनिया से पीडि़त व्यक्ति डर के साए में जीता है।

Treatment of schizophrenia in hindi सिजोफ्रेनिया का उपचार
– ऐसे में व्यक्ति को परिवार और दोस्तों के सहारे, मदद और प्यार की जरुरत होती है।
– रोगी को मनोरोग चिकित्सक से परामर्श और दवाओं का भी सहारा लेना चाहिए।
– मजबूत इच्छा शक्ति से और अपनों के प्यार की मदद से आप इस परेशानी से उबर सकते हैं।

 
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