पेट से जुड़े कैंसर के लक्षण व उपचार

भारत में सामान्य गेस्ट्रोइंटेस्टाइनल (जीआई) कैंसर में पेट का कैंसर, भोजन नलिका का कैंसर, पित्ताशय का कैंसर, कोलोरेक्टल…

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भारत में सामान्य गेस्ट्रोइंटेस्टाइनल (जीआई) कैंसर में पेट का कैंसर, भोजन नलिका का कैंसर, पित्ताशय का कैंसर, कोलोरेक्टल कैंसर, लिवर व पाचन ग्रंथि का कैंसर शामिल है। दुनियाभर में कैंसर से होने वाली मौतों के मामले में इसका स्थान तीसरे नंबर पर है। जानते हैं इसके लक्षणों और इलाज के बारे में।


पेट का कैंसर

इस कैंसर का पता चलने की औसत आयु 60 वर्ष है और यह पुरुषोंं को ज्यादा होता है। भूख ना लगना, वजन घटना, थकान व एनीमिया इसके प्रमुख लक्षण हैं।

पित्त ग्रंथि कैंसर

पेटदर्द, वजन घटना या पीलिया होना इसके प्रमुख लक्षण हैं। इस कैंसर का पता बहुत बाद में चलता है इसलिए महज 15 से 20 फीसदी रोगियों में ही सर्जरी की संभावना बचती है, जो इसका एकमात्र इलाज भी है।

लिवर कैंसर

यह लिवर की पुरानी बीमारी या फिर सिरोसिस में होता है। इस रोग में कुछ रोगियों के पेट में ऊपरी हिस्से में हल्का दर्द, वजन घटना, जल्दी पेट भर जाना या पेट के ऊपरी हिस्से में गांठ बन जाती है।

पित्ताशय कैंसर

यह विशेषतौर पर उन महिलाओं को होता है, जिनके पित्ताशय (गॉलब्लैडर) में पथरी होती है। इसका पता बाद में लगता है, जब लिवर में मेटास्टेसिस (वह स्थिति जब कैंसर दूसरे अंगों में फैलने लगता है) शुरू होने के साथ ही जलोदर (ज्यादा पानी इक_ा होने की वजह से ऊत्तकों में सूजन) व पीलिया हो जाता है। कुछ मामले गॉलब्लैडर में पथरी की जांच के लिए होने वाली कोलेसिस्टेक्टोमी में सामने आते हैं। इसके लक्षणों में भूख ना लगना, उल्टी शामिल हैं।

कोलोरेक्टल कैंसर

इस रोग में मल में खून आना, पेटदर्द, एनीमिया या आंतों में गड़बड़ी जैसे लक्षण होते हैं।

स्टेज और इलाज

जीआई कैंसर का पता आमतौर पर सीटी स्कैन, एमआरआई जैसी रेडियोलॉजी की मदद से लगाया जाता है। स्टेज 1 और स्टेज 2 का मतलब स्थानीय और शुरुआती कैंसर होता है, जिसके इलाज की संभावना अधिक होती है। स्टेज 3 का मतलब एडवांस्ड कैंसर यानी यह बढक़र लसिका ग्रंथि तक पहुंच जाता है, लेकिन इलाज संभव होता है। स्टेज 4 यानी मेटास्टेसिस।

सर्जरी की भूमिका

शुरुआत में ही कैंसर का पता चलने पर सर्जरी से इलाज हो सकता है जबकि एडवांस्ड कैंसर में यह जीवन की गुणवत्ता बेहतर बना सकती है। कीमोथैरेपी व रेडियोथैरेपी में हुए विकास के कारण कुछ जीआई कैंसर के मामलों में सर्जरी के बाद इलाज की संभावना और बढ़ गई है।

डॉक्टरी राय

तंबाकू का सेवन ना करें, वजन कंट्रोल में रखें। हरी सब्जियां व फल जरूर खाएं। नियमित चेकअप कराएं।

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