इन सवालों के जवाब अच्छी रखेंगे आपके हृदय की सेहत

120/80 बीपी की आदर्श रीडिंग व 1400/90 हाई बीपी की बॉर्डरलाइन मानी जाती है। 120-140 व 80-90 में जीवनशैली में बदलाव की सलाह दी जाती है।

<p>120/80 बीपी की आदर्श रीडिंग व 1400/90 हाई बीपी की बॉर्डरलाइन मानी जाती है। 120-140 व 80-90 में जीवनशैली में बदलाव की सलाह दी जाती है।</p>

प्रश्न : हृदय का मुख्य काम क्या है?

हृदय ऐसा अंग है जो रक्त की पम्पिंग कर पूरे शरीर में इसका संचार करता है। हृदय के अंदर चार चैम्बर होते हैं। उनके बीच में वॉल्व होते हैं। इनकी मदद से हृदय पम्पिंग कर शुद्ध रक्त शरीर में पहुंचाता है। शरीर का एक्टिव भी रखने का काम करता है।

प्रश्न : बीपी व हाई बीपी की बॉर्डरलाइन क्या है ?
120/80 बीपी की आदर्श रीडिंग व 140/90 हाई बीपी की बॉर्डरलाइन मानी जाती है। 120-140 व 80-90 में जीवनशैली में बदलाव की सलाह दी जाती है। अगर बीपी लेवल 140/90 से ऊपर हो तो मरीज को नियमित रूप से दवा लेने की जरूरत पड़ती है।

प्रश्न : हृदय को स्वस्थ कैसे रख सकते हैं?
मदिरापान, धूम्रपान से दूर रहना चाहिए। तनाव लेने से बचें। वजन, शुगर व बीपी नियंत्रित रखें। नमक व शक्कर का कम प्रयोग करें। डीप फ्राई चीजें खाने से हार्ट की बीमारी होती है। इनसे बचें। दो चम्मच से ज्यादा घी न लें। योग, व्यायाम व ध्यान करने से भी इसमें बचाव होता है।

प्रश्न : हाइपर टेंशन की दिक्कत क्यों होती है?
हाइपर टेंशन की वजह वंशानुगत, अनियमित जीवनशैली हो सकती है। यह तनाव, ज्यादा वजन व शारीरिक गतिविधि न होने से होता है। ज्यादा जंक फूड व कोल्डड्रिंक्स से दिक्कत बढ़ती है। ऊपर से नमक मिलाकर खाने से इसकी आशंका अधिक होती है।

प्रश्न : लो-हाई बीपी कैसे नियंत्रित करें?
लो बीपी में भी मरीज को आराम करना चाहिए। रोजाना कम से कम 2.5-3 लीटर पानी पीएं। नमक-शक्कर का पानी भी फायदा करता है। हाई बीपी में दवाइयां नियमित लें। अपने मन से कोई दवा न छोड़ें। दिन में एक चौथाई चम्मच से ज्यादा नमक न लें। अगर ऐसी समस्या है तो मौसमी फल, ताजा खाना खाएं। हल्का व्यायाम भी करें।

प्रश्न : स्वस्थ हृदय के लिए युवा क्या करें?
किशोरावस्था के समय से ही संतुलित खानपान, 30-60 मिनट नियमित व्यायाम और स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं। ऊपर के सवाल में जैसा बताया गया है किसी भी तरह के व्यसन से बचें।

प्रश्न : कब सलाह लें?
स्वस्थ हृदय जरूरत के मुताबिक पंपिंग व धड़कन को कम-ज्यादा करता है। भारी काम, तेज गति से काम करने (दौड़ने, व्यायाम आदि) पर सांस फूलना, थकान है तो चिकित्सक से परामर्श लें।

प्रश्न : हृदय रोगी किन बातों का ध्यान रखें?
चिकित्सक को नियमित दिखाएं और दवा लें। यदि एंजियोप्लास्टी या बायपास सर्जरी हुई है तो खून पतला करने की दवा नियमित लें। सांस ज्यादा फूलती है तो पानी और नमक कम लें।

प्रश्न : सर्जरी कितने तरह की होती है?
सर्जरी हृदय की धमनियों के ब्लॉक होने पर, वॉल्व को बदलने के लिए होती है। हृदय तकलीफों का इलाज एंजीयोप्लास्टी तकनीक से हो सकता है।

प्रश्न : सर्जरी की जरूरत कब पड़ती है?
यदि हृदय की सभी धमनियों में कई ब्लॉकेज हैं तो सर्जरी की जरूरत पड़ती है। वॉल्व के लीकेज और हृदय के छेद बंद करने में भी सर्जरी होती है।

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