डरें नहीं…कोरोना वैक्सीन से इस लाइलाज रोग का भी खात्मा!

नई उम्मीद…

आरएनए थैरेपी सफल तो कैंसर इलाज के तरीकों में सबसे अधिक सुरक्षित
शरीर में कोई संक्रमण नहीं, शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाएगी
‘स्वदेशी’ वैक्सीन, फाइजर, मॉडर्ना वैक्सीन भी आरएनए तकनीक पर

नई दिल्ली. कोरोना वायरस के खिलाफ बनाई गई एमआरएनए वैक्सीन कैंसर के इलाज में भी बेहद कारगर साबित हो सकती है। रिसर्च के नतीजों के आधार पर वैज्ञानिकों का दावा है कि आरएनए थैरेपी ट्यूमर सेल्स को मारने में कारगर है। यह बहुत प्रभावी तरीके से कैंसर की कोशिकाओं को मारने व उनको विकसित होने से रोकने में सक्षम हो सकती है। यदि आरएनए थैरेपी सफल होती है तो यह कैंसर के अन्य इलाज के तरीकों में सबसे अधिक सुरक्षित होगी। यह शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाएगी। इससे शरीर में कोई संक्रमण नहीं होगा। डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट के अनुसार हर साल कैंसर से 7.84 लाख मौतें होती हैं। इससे उम्मीद है कि उनकी जिंदगी को बचाया जा सकेगा।

3 वैक्सीन हैं आरएनए तकनीक पर
एमआरएनए (मोड ऑफ राइबो न्यूक्लिक एसिड) टेक्नोलॉजी पर आधारित स्वदेशी वैक्सीन, फाइजर और मॉडर्ना की वैक्सीन है। अन्य वैक्सीन डीएनए टेक्नोलॉजी पर विकसित की गई हैं।

कैसे काम करेगी आरएनए थैरेपी
इस तकनीक पर बनी कोरोना वैक्सीन 90 फीसदी तक कारगर है। कैंसर के इलाज में थैरेपी के जरिए कोशिकाओं में प्रोटीन को नियंत्रित किया जाएगा। इससे शरीर का मेटाबॉलिज्म संतुलित होगा। कैंसर की कोशिकाएं मेटाबोलिज्म को अनियंत्रित करती हैं। इससे शरीर की रोग प्रतिरोधकत क्षमता कमजोर होती है। इस थैरेपी से कोशिकाओं में आरएनए मजबूत होता है जो मेटाबोलिज्म को बढ़ाता है।
इसलिए दुनिया की नजर
1- आरएनए थैरेपी कैंसर कोशिकाओं को विकसित करने वाले जीन को रोकने में सक्षम।
2- यदि थैरेपी पूरी तरह सफल रही तो आनुवांशिक बीमारियों का भी इलाज संभव।
3- कीमोथैरेपी, सर्जरी, दवाएं कैंसर के शुरुआती स्टेज में ही ज्यादा कारगर, एडवांस स्टेज में नहीं।
4- इलाज के बाद मरीज शरीर में कई तरह की अन्य दिक्कतें भी बढ़तीं। दोबारा होने की आशंका भी रहती।
कैंसर से डरते हैं लोग
– 13.9 लाख मामले दर्ज हुए हैं कैंसर के देश में, नेशनल कैंसर रजिस्ट्री प्रोग्राम रिपोर्ट 2020 के अनुसार
– 6.8 लाख पुरुषों को कैंसर के मामले व 7.1 लाख महिलाओं की कैंसर की समस्या
– 96 लाख मौतें डबल्यूएचओ के अनुसार दुनिया भर में कैंसर से हुई
– 70 फीसदी मौतें गरीब देश व भारत जैसे मध्यम आय वाले देशों में
– 7.84 लाख मौतें यानी दुनिया की 8 फीसदी मौतें सिर्फ भारत में हुई।
– 200 फीसदी मौतों की दर ज्यादा है भारत में विकसित देशों के मुकाबले
– 10 कैंसर मरीजों में से 7 की मौत भारत में, विकसित देशों में 3 मौतें
– 4 कैंसर के प्रकार महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर व पुरुषों में फेफड़ों, सिर, गर्दन से जुड़े कैंसर के मामले बढ़े
– 2016 से 2020 तक 10 फीसदी ज्यादा केस दर्ज किए गए हैं।

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.