अध्ययन के लिए लगभग दो लाख एेसे मरीजों को शामिल किया गया जो 15 सालों से भी अधिक समय से एंटीबायोटिक ले रहे थे और 13 लाख एेसे लोगों को भी इसका आधार बनाया गया जिन्हें डायबिटीज नहीं थी। स्टडी में डायबिटीज होने का रिस्क उन लोगों में अधिक पाया गया जिन्हें एंटीबायोटिक दवाएं दी गई थीं। यह शोध भारत के लिए महत्त्वपूर्ण है क्योंकि यहां डायबिटीज के मरीज अधिक हैं।
बुखार, खांसी या जुकाम होने पर एंटीबायोटिक्स से परहेज करना चाहिए। इनका बार-बार इस्तेमाल करने से डायबिटीज का खतरा 53 फीसदी तक बढ़ जाता है।दुनियाभर में सबसे ज्यादा डायबिटीज के मरीज भारत में हैं। ऐसे में हमें एंटीबायोटिक्स पर काफी गंभीरता से विचार करना होगा।