निलंबित रोजगार सहायक की बहाली के विरोध में ग्रामीणों ने किया चक्काजाम

भीड़ एकत्रित कर सड़क पर प्रदर्शन कर रहे 30 ग्रामीणों को किया गिरफ्तार

<p>Villagers protest against the reinstatement of suspended employment assistant</p>

डिंडोरी. जिले के समनापुर ब्लॉक की ग्राम पंचायत देवलपुर के अनियमितता के आरोपी रोजगार सहायक की सेवा बहाली के विरोध और उन पर सख्त कार्यवाही की मांग लेकर ग्रामीणों ने शुक्रवार को देवलपुर मार्ग पर चकाजाम किया। शुक्रवार सुबह से देवलपुर के सैकड़ों ग्रामीण रोजगार सहायक पर कार्यवाही की मांग कर रहे थे। उन्होंने जिला व जनपद पंचायत के अफसरों के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। जिले में कोरोना संक्रमण से सुरक्षा के लिए धारा 144 लागू है। ऐसे में इतनी भीड़ लेकर ग्रामीणों का सड़क पर प्रदर्शन करने पर पुलिस ने करीब तीन दर्जन महिलाओं सहित 30 से अधिक लोगों को हिरासत में ले लिया। इनमें आम आदमी पार्टी डिंडोरी के जिला संयोजक भी शामिल हैं। हालांकि गिरफ्तारी से पहले पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को समझाइश दी लेकिन ग्रामीण नहीं माने तो प्रशासन को कार्यवाही करना पड़ी। समनापुर ब्लॉक की ग्रापं देवलपुर के रोजगार सहायक पर ग्रामीणों ने भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाकर पूर्व में भी चकाजाम किया था। तब ग्रामीणों का आक्रोश देखते हुए जिला पंचायत सीईओ अरुण विश्वकर्मा ने सेवा समाप्त करने का आदेश जारी किया था।
प्रशासन की कार्यवाही के बाद ग्रामीणों का गुस्सा शांत हुआ था और वह प्रदर्शन से पीछे हट गए थे। लेकिन रोजगार सहायक की सेवाएं फिर से बहाल कर उन्हें देवलपुर में ही पोस्टिंग दे दी गई। फलस्वरूप ग्रामीणों का आक्रोश एक बार फिर उबाल पर आया और उन्होंने आज फिर चक्का जाम को अंजाम दिया। ग्रामीणों ने प्रशासनिक रवैए पर गंभीर सवाल उठाते हुए कहा कि दोष साबित होने पर ही पिछली बार रोजगार सहायक की सेवा समाप्त की गई थी फिर ऐसा क्या हो गया कि उन्हें उसी ग्राम पंचायत में ही फिर से पोस्टिंग दे दी गई।
एसडीएम के समक्ष करेंगे प्रस्तुत
प्रदर्शन में शामिल लोगों को गिरफ्तार कर पुलिस स्वास्थ्य जांच के लिए जिला अस्पताल लेकर पहुंची। जांच कराने के बाद सभी को कोर्ट में प्रस्तुत किया जाएगा। चर्चा है कि गुरुवार को समनापुर थाना प्रभारी उमा शंकर यादव ने आप जिला संयोजक अमर सिंह मार्को को आंदोलन में शामिल होने से मना करते हुए धमकाया था। अमर सिंह ने डिंडौरी एसपी संजय कुमार सिंह से शिकायत भी की थी। रोजगर सहायक की बहाली के विरोध में मुख्यमार्ग पर चकाजाम कर रहे 18 लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार कर अनुविभागीय दंडाधिकारी महेश मंडलोई के न्यायायलय में पेश किया। जहां 12 प्रदर्शनकारियों को जेल भेजा गया है, जबकि 6 अन्य को जमानत पर रिहा किया गया हैं।आरोपियों को धारा 151,107 और 116 (3) के तहत जेल रवाना किया गया है। समनापुर थाना के प्रतिवेदन पर की गई कार्यवाही में सभी आरोपियों पर धारा 144 के उल्लंघन और आम रास्ता में आवागमन प्रभावित करने के आरोप हैं। जिन 12 लोगो को जेल भेजा गया है उनके नाम सरवन सिंह, अमर सिंह मार्को, जगदीश ठाकुर, संतोष सिंह, शालिग् राम, अनिल परस्ते, देव सिंह ठाकुर, राजेन्द्र कुमार, संतराम, राकेश कुमार, गुलाब सिंह, रूपराम ठाकुर बताये गये हैं।
जताई थी आपत्ति
पूर्व में ग्राम देवलपुर के लोगों ने अनियमितता के मामले में सेवा से बर्खास्त किए गए रोजगार सहायक की पुन: बहाली को लेकर अपनी आपत्ति ग्राम पंचायत के माध्यम से जनपद पंचायत को देते हुए कार्यवाही न होने पर चकाजाम की चेतावनी दी थी और शुक्रवार सुबह से मुख्यमार्ग जाम कर दिया गया। दोपहर में प्रशासनिक अधिकारियों और पुलिस ने ग्रामीणों को कोबिड -19 प्रोटोकाल, धारा 144 का हवाला देते हुए एसडीएम महेश मंडलोई, तहसीलदार डी एस मरावी ने ग्रामीणों को कार्यवाही का आश्वासन देते हुए रास्ता खोले जाने की समझाइश दी गई।
किन्तु जब ग्रामीण नहीं माने तब। एसडीओपी प्रदीप विश्वकर्मा, समनापुर थाना प्रभारी उमा शंकर यादव, अमरपुर चौकी प्रभारी रंजीत सैयाम सहित पुलिस बल ने सड़क जानकर प्रदर्शन करने वाले 18 लोगों को गिरफ्तार कर समनापुर थाने ले गए। जहां दस्तावेजी कार्यवाही कर बस से डिंडोरी लाकर एसडीएम कोर्ट में प्रस्तुत किया गया जहां से जिला चिकित्सालय में कोविड टेस्ट और स्वास्थ्य परीक्षण उपरांत 12 लोगों को जेल भेज दिया गया है।

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