आस्था का केन्द्र बनी सौ वर्ष पुरानी मढिय़ा
गाड़ासरई. नगर की पुरानी बस्ती की खेरमाई मढिय़ा लोगों की आस्था का केन्द्र बनी हुई है, यहां नवरात्रि में भारी संख्या में लोग दर्शन करने दूर दूर से पहुंचते है। लगभग सौ वर्ष पुरानी मढिय़ा में बहुत से लोग ने मन्नत मांगी और उनकी मन्नत भी पूरी हुई। गाड़ासरई के 86 वर्षीय ईश्वरी साहू बताते है कि यहां सभी की मन्नत पूरी होती है। उन्होने बताया कि पहले यहां कुछ नहीं था, खुले में माता की प्रतिमा स्थापित थी। उनके पूर्वज नेतराम साहू की मन्नत पूरी होने पर उन्होने माता को चांदी की आंख भेंट करने के साथ ही चारो तरफ लकड़ी की बाउंड्री बना दी ताकि मढिय़ा की सुरक्षा बनी रहे। वहीं नेतराम साहू ने माता के सामने अर्जी लगाई की माता जो भी श्रद्धा से फल फूल नारियल चढ़ाते है उसे प्रेम से स्वीकार करें। पहले यहां बली प्रथा थी लेकिन उसी समय से यह प्रथा भी बंद हो गई। धीरे-धीरे लोगो का माता के प्रति विश्वास बढ़ता गया और मढिय़ा में माता की सेवा की जिम्मेदारी बलजोरी कोल को सौंपी गई। वही मढिय़ा में सुबह शाम पूजा करने लगे जिसके बाद से पीढी दर पीढी उन्ही का परिवार पूजा अर्चना कर रहे हैं। फिलहाल बलजोरी कोल के वंशज गुड्डा वनवासी मढिय़ा का दायित्व संभाल रहे है। इस मढिय़ा के निर्माण के लिए एक रामायण मण्डली बनाई गई जो घर घर जाकर रात में रामायण भजन करती थी और मण्डली में जो भी लोगो के द्वारा पैसा चढ़ाया जाता था, उस पैसे से मढिय़ा में पक्का भवन बनाया गया और धीरे-धीरे मढिय़ा में सभी प्रकार की व्यवस्था मण्डली और लोगो के द्वारा की गई। इस मढिय़ा में लोग अपनी अपनी परेशानी लेकर आते है और अपनी समस्या माता के सामने रखकर मन्नत मांगते है और जब उनकी मन्नत पूरी हो जाती है तो लोग चैत्र की नवरात्रि में जवारे बुबाते है। जिस कारण चैत की नवरात्रि में यहां भारी संख्या में लोग जवारे बोते है और धूमधाम से उनका विसर्जन किया जाता है। इस मढिय़ा के जवारे बहुचर्चित है जिसका लोग बेसब्री से इंतजार करते है। वहीं जवारे विसर्जन के दौरान लोगों के द्वारा विशाल भण्डारा किया जाता है। जिसका प्रसाद पाना लोग अपना सौभाग्य समझते है। वहीं अभी इस नवरात्रि में बड़ी खैरमाई लोग सुबह से पूजा-अर्चना करने पहुंच रहे है और दिन रात जस भजनों का कार्यक्रम समिति के द्वारा किया जा रहा है। मढिय़ा में बहुत भीड़ उमड़ रही है। आस्था के बने इस केन्द्र में हर नवरात्रि में दूर-दूर से लोग माता के दर्शन करने पहुंच रहे है।