बैगांचल में परंपरागत खेती को बढ़ावा देने बांट रहे नि:शुल्क बीज

बैगा हितग्राहियों को उपलब्ध कराए गए कोदो-कुटकी और अरहल के बीजतेजस्विनी संघ की पहल, बताए जा रहे खेती के तरीके

<p>Distributing free seeds to promote traditional farming in Baganchal</p>

डिंडोरी/गोरखपुर. जिले में परंपरागत खेती पर जोर दिया जा रहा है। जिसे लेकर बैगांचल में नि:शुल्क कोदो-कुटकी और अरहल के बीज वितरित किए जा रहे हैं। इसी तारतम्य में करंजिया विखं के अंतर्गत कस्बा गोरखपुर के कार्यालय तेजस्विनी मेकलसुता महासंघ अंतर्गत संचालित कंजर्वेशन ऑफ ट्रेडिशनल एग्रीकल्चर कार्यक्रम के तहत बुधवार को बैगांचल क्षेत्र ठाडपाथर, लालपुर एवं मोहतरा के बैगा समुदाय के हितग्राहियों को परंपरागत खेती को बढ़ावा देने के उद्देश्य से नि:शुल्क अरहर बीज का वितरण किया गया।
तेजस्विनी संघ के परियोजना समन्वयक ईश्वर प्रसाद साहू ने बताया कि कलेक्टर रत्नाकर झा के निर्देश पर जिला समन्वयक की उपस्थिति में कंजर्वेशन ऑफ ट्रेडिशनल एग्रीकल्चर के माध्यम से चयनित बैगा परिवारों को खरीफ की फसल के लिए गांव-गांव अरहर का बीज किसानों के मांग के अनुसार दिया जा रहा हैं। उन्होंने बताया कि क्षेत्र में कुछ ऐसे किसान हैं जो परंपरागत खेती करना तो चाहते हैं लेकिन जब बीज बोने का समय आता हैं तो इनके पास पर्याप्त मात्रा में बीज की उपलब्धता नहीं रहतीं। इसलिए वह सीजन के फसल अनुसार बीज बोने से वंचित रह जाते हैं। ऐसी स्थिति में किसानों को नुकसान तो होता ही हैं साथ ही परंपरागत खेती से वे दूरी बना रहें हैं । सर्वेक्षण के मुताबिक उच्च अधिकारियों के मार्गदर्शन में खासकर ऐसे किसानों को चिंहित कर नि:शुल्क बीज बांटने काम पिछले दिनों से तेजस्विनी संघ के तत्वावधान में किया जा रहा हैं। वर्तमान में जिस जिस किसान को अरहर का बीज दिया गया हैं वे इस बीज को एक चक एरिया तथा मनरेगा के तहत मेढबंधान योजना से तैयार खेत की मेढों में आसानी से बोनी कर अरहर के फसल का उत्पादन कर सकते हैं। बीज वितरण कार्यक्रम के दौरान किसानों को इस संबंध में विस्तार से बताया गया। जबकि संघ के लोग गांव गांव जाकर कंजर्वेशन के कृषि सहायकों एवं सीआरपी के साथ मिलकर हितग्राहियों को सरपंच एवं ग्रामीणों की उपस्थिति में नि:शुल्क बीज का वितरण कर रहे हैं। अभी तक 8 ग्रामों में 455 हितग्राहियों को कोदो-कुटकी, अरहर के बीज का वितरण संघ द्वारा किया जा चुका है। साथ ही संघ के पदाधिकारी व सदस्यों द्वारा बैगा हितग्राहियों को यह जानकारी दी जा रही है कि उन्हे किस प्रकार से खेती करनी है।
103 परिवारों को दिया कोदो-कुटकी का बीज
तेजस्विनी विकास वाहिनी महासंघ गाड़ासराई अंतर्गत संचालित कंजर्वेशन ऑफ ट्रेडिशनल एग्रीकल्चर कार्यक्रम के माध्यम से विकासखंड बजाग अन्तर्गत ग्राम बौना, पचगांव, उपरी, बसनिया, लालपुर, करोपानी आदि ग्रामों में कोदो कुटकी और अरहर के बीज का वितरण किया जा रहा हैं। वन ग्राम जल्दा में 103 बैगा परिवारों को कोदो कुटकी के बीज नि:शुल्क वितरण किया गया। जिसमें वनाधिकार पट्टा और भूमि समतलीकरण वाले हितग्राही भी शामिल हैं। राज्य समन्वयक यशवंत सोनवानी के द्वारा बताया गया की बीज का उपचार करके खेत में बीज डालें, सबसे पहले जमीन को तैयार करें फिर बुवाई करें। कोदो-कुटकी के साथ-साथ बैगानी अरहर की खेती को अधिक से अधिक उत्पादन करने के बाद बैगानी दाल के नाम पर प्रोसेसिंग एवं जैविक प्रमाणीकरण कर मार्केट में उतारा जायेगा। बजाग विकासखंड के साथ साथ करंजिया, मेहदवानी, डिंडोरी, समनापुर एवं शाहपुरा के विभिन्न ग्रामो में कोदो कुटकी, अरहर बीज का नि:शुल्क वितरण किया जा रहा है। इस दौरान जिला समन्वयक जागेश्वर सिंगोर, तेजस्विनी रूरल डेवलपमेंट महासंघ डिंडोरी, परियोजना समन्वयक समसून निशा कुरैशी, विभागीय अधिकारी कर्मचारी और जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे।

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