चोकरयुक्त रोटी खाएं-
कब्ज न हो इसके लिए मोटे आटे की चोकरयुक्त रोटियां खाएं क्योंकि महीन आटा आंतों में चिपक जाता है, जिससे पाचन में दिक्कत होती है।
दही खाएं और छाछ पीएं-
एक कटोरी ताजा दही में एक चम्मच पिसे हुए अलसी के बीज, स्वादानुसार एक या दो चम्मच शहद व चुटकी भर नमक मिलाकर खाएं। छाछ में काला नमक डालकर पीने से भी कब्ज की समस्या दूर होती है।
सलाद को डाइट में शामिल करें-
खाने में टमाटर, गाजर, खीरा, ककड़ी, चुकंदर को शामिल करें। सर्दियों में एक अमरूद रोज खाने का नियम बना लें। पपीते को भी नियमित आहार का हिस्सा बनाइए, इससे पाचन दुरुस्त होता है।
गुनगुना पानी लें और तला हुआ न खाएं-
कम पानी पीने से पेट में गर्मी बढ़ती है और मल सूखने लगता है, जिससे कब्ज होती है। सुबह उठते ही दो-तीन गिलास गर्म पानी पीएं, इससे पेट की सफाई होती है। मैदे से बनी चटपटी व तली हुई चीजें जैसे कचोरी और समोसे कम ही खाएं।
आयुर्वेदिक उपचार-
रोज रात को त्रिफला चूर्ण या बेलफल का चूर्ण एक चम्मच लें। पेट साफ होगा।
नीम की निंबौरी (छिलके सहित) के 10 ग्राम पाउडर को रोजाना सुबह के समय रात के रखे पानी के साथ लें, फायदा होगा। इस नुस्खे को अपनाने के बाद आपके खाने में देशी घी जरूर होना चाहिए।
जीरे को पीसकर मस्सों पर लगाने से फायदा होता है। जीरे को भूनकर मिश्री के साथ मिलाकर चूसें, फायदा होगा।
पके हुए केले को दो टुकड़ों में काटकर उस पर कत्था पीसकर छिड़क लें। इन टुकड़ों को रात में खुले आसमान के नीचे रख दीजिए। सुबह उठकर केले के टुकड़े खाइए। ऐसा एक हफ्ते तक करने से बवासीर ठीक हो जाएगा।
लगभग 50 ग्राम बड़ी इलायची को तवे पर रखकर भूनते हुए जला लीजिए। ठंडी होने के बाद इस इलायची को पीस लें। रोजाना सुबह इस चूर्ण को पानी के साथ खाली पेट लेने से बवासीर ठीक हो जाता है।
जंगली गोभी को घी में पकाकर उसमें सेंधा नमक डालकर आठ दिन रोटी के साथ खाइए। इससे बवासीर ठीक होता है।