किसी को भी स्पोर्ट्स इंजरी
स्पोट्र्स इंजरी किसी को भी हो सकती है। महिलाओं में सबसे अधिक टेनिस एल्बो तो बाइक चलाने वालों के टखने में लिगामेंट इंजरी भी आम है। इसे ट्विस्टर इंजरी भी कहते हैं। क्रिकेट, फुटबॉल, बैडमिंटन, हॉकी में स्पोर्ट्स इंजरी होती है। इसमें घुटने में लिगामेंट टूट जाता है जबकि कबड्डी खेलने वालों को शोल्डर इंजरी (डिसलोकेशन) होती है।
इन तीन बातों का ध्यान रखें
चोट लगने पर तीन बातों का ध्यान रखें। पहला, सिकाई है। चोट लगने के तुरंत बाद केवल बर्फ से सिकाई करें। इससे ब्लड सप्लाई कम होता है। सूजन नहीं होती है। इसमें गर्म सेक या मालिश न करें। इससे ब्लड सप्लाई तेज हो जाता है। सूजन बढ़ती है। दूसरा, मरीज को ज्यादा आराम करने दें। उससे हिलाएं-डुलाएं नहीं। तीसरा, कंप्रेशन यानी मरीज को क्रेपबैंडज बांध दें ताकि हड्डी खिसके नहीं। हड्डी खिसकने से दर्द के साथ सूजन बढ़ेगी।
लिगामेंट इंजरी के लक्षण
उस हिस्से में सूजन और त्वचा का रंग बदलना, हाथ-पैरों की कार्य क्षमता घटना, खड़े होने पर उस हिस्से में तेज दर्द और सूजन, कई बार उस हिस्से में सुन्नपन आदि।
लिगामेंट इंजरी में रखें ध्यान
चोट लगने पर जल्द डॉक्टर को दिखाएं। जरूरी जांचें जैसे एक्स-रे, सीटी स्कैन, एमआरआइ करवाएं। जरूरत होने पर फिजियोथैरेपिस्ट से मदद लें। बिना एक्सपर्ट की सलाह से फिजियोथैरेपी बंद न करें। बीच में फिजियोथैरेपी छोडऩे पर दोबारा से पूरा कोर्स करना होता है।
इलाज और रिकवरी
स्पोट्र्स इंजरी में रिकवरी में 3-4 महीने लगते हैं जबकि पूर्ण रूप से ठीक होने में 6-7 महीने का समय लगता है। हल्की इंजरी का इलाज दवा और मध्यम चोट लगने पर दवाइयों और फिजियोथैरेपी से इलाज होता है जबकि लिगामेंट पूरी तरह से टूटने पर आर्थोस्कोपी (दूरबीन से सर्जरी) की जाती है। इसमें दो छोटे छिद्र से मरीज की सर्जरी की जाती है।
एक्सरसाइज के दौरान इन बातों का रखें ध्यान
कोई भी एक्सरसाइज एक्सपर्ट की देखरेख में शुरू करें। अगर एक्सरसाइज से शरीर के किसी हिस्से में दर्द बढ़ रहा है तो तत्काल छोड़ दें। शरीर की क्षमता के अनुसार ही एक्सरसाइज करें। एक्सरसाइज खत्म करने के बाद रिलेक्स जरूर करें। साथ ही डाइट पर ध्यान दें। संतुलित मात्रा में प्रोटीन, काब्र्स और फैट भी लें।
डॉ. सौरभ माथुर, आर्थोपेडिक सर्जन एवं स्पोट्र्स मेडिसिन एक्सपर्ट, जयपुर