जानें कब, कैसे और कितना कैल्शियम का सेवन करें

पुरुषों के मुकाबले महिलाओं में कैल्शियम जरूरत अधिक होती है क्योंकि प्रेग्नेंसी व पीरियड्स के दौरान शरीर में इसकी खपत अधिक होती है।

<p>Calcium</p>

हड्डियां कैल्शियम, प्रोटीन और खनिज तत्त्वों से मिलकर बनती हैं। इसमें कैल्शियम अहम है। ऑस्टियोपोरोसिस का कारण बढ़ती उम्र के साथ हड्डियों में कैल्शियम की कमी है। पुरुषों के मुकाबले महिलाओं में इसकी जरूरत अधिक होती है क्योंकि प्रेग्नेंसी व पीरियड्स के दौरान शरीर में इसकी खपत अधिक होती है।

ऐसे पहचानें कमी : जोड़ों व हड्डियों में दर्द, इनके कमजोर होने के कारण फ्रैक्चर जैसे लक्षण सामने आना कैल्शियम की कमी होना बताते हैं।

इनसे कैल्शियम की पूर्ति: दूध, दही, हरी सब्जियां, आलू, भिंडी, बादाम, चावल, मूंगफली, ब्रॉकली, सोयाबीन, चोकरयुक्त गेहूं आटा, अमरूद, संतरा।

इतनी मात्रा जरूरी : 20-50 वर्ष के व्यक्तियों में एक से ढाई हजार मिग्रा और 50 से अधिक उम्र वालों में 1200 मिलीग्राम की मात्रा शरीर में होनी चाहिए।

धूप भी लें : बिना विटामिन-डी के कैल्शियम शरीर में अवशोषित नहीं हो पाता है। इसलिए इसके लिए रोजाना सुबह 20-25 मिनट धूप में जरूर बैठें।

अधिक मात्रा से पथरी : कैल्शियम कम होने पर अधिकतर लोग खासकर महिलाएं इसके सप्लिमेंट अधिक मात्रा में लेने लगती हैं। ऐसे में शरीर में इसकी मात्रा अधिक हो जाती है जो किडनी में पथरी का कारण का बनता है। ऐसी स्थिति पर्याप्त मात्रा में पानी जरूर पिएं।

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