बिना बिल, रवन्ना एजेंट पास कर रहा रहे पत्थर गाडिय़ां, सरकार को रोज लाखों का चूना

सरमथुरा. विश्व प्रसिद्ध सरमथुरा का पत्थर उद्योग इन दिनों ठेकेदारों एवं कमीशन एजेंटों के चंगुल में फंस गया है। बिना बिल तथा रवन्ना की पत्थर की गाडिय़ों को निकलवा कर सरकार को रोज लाखों रुपए का चूना लगाकर अपनी जेबें भर रहे हैं।

<p>बिना बिल, रवन्ना एजेंट पास कर रहा रहे पत्थर गाडिय़ां, सरकार को रोज लाखों का चूना</p>
बिना बिल, रवन्ना एजेंट पास कर रहा रहे पत्थर गाडिय़ां, सरकार को रोज लाखों का चूना
– एजेंटों ने बना लिया ग्रुप, लेते हैं दूसरे राज्यों तक की गारंटी
– एक ट्रक से वसूलते हैं सात हजार रुपए
– रोज निकलते हैं ३० से ४० ट्रक
सरमथुरा. विश्व प्रसिद्ध सरमथुरा का पत्थर उद्योग इन दिनों ठेकेदारों एवं कमीशन एजेंटों के चंगुल में फंस गया है। बिना बिल तथा रवन्ना की पत्थर की गाडिय़ों को निकलवा कर सरकार को रोज लाखों रुपए का चूना लगाकर अपनी जेबें भर रहे हैं।
सूत्रों के अनुसार नए वित्तीय वर्ष में नाकों का रॉयल्टी ठेका खत्म होने के बाद खनिज विभाग ने कुछ दिन तक अपने कर्मचारियों को नाकों पर बैठाया था। नया ठेका नहीं हो पाया। ऐस में खनिज विभाग ने नाकों पर बैठाए अपने कर्मचारियों को फिर से वापस बुला लिया। इसका फायदा उठाते हुए पत्थर उद्योग में ठेकेदारी प्रथा शुरू हो गई है। ये ठेकेदार (एजेंट) अपनी रिस्क पर गाडियों को बिना टीपी बिल इत्यादि कागजों के बाहर भेज रहे हैं। इसका पैसा खुद लेकर अपनी जेबें भर रहे हैं। खनिज विभाग की ओर से हालांकि उडऩ दस्ता गठित है, लेकिन पता नहीं इन ठेकेदारों को उनकी कार्यवाही से पहले ही सूचना मिल जाती है और यह बच जाते हैं। एक अनुमान के मुताबिक सरमथुरा, बाड़ी, बसेड़ी क्षेत्र से प्रतिदिन ३० से ४० ट्रक अवैध रूप से बिना कागजों के इन ठेकेदारों के जरिए निकल रहे हैं। जिनमें लगभग दो से तीन लाख रुपए प्रतिदिन का सरकार का टैक्स का चूना लग रहा है।
यूं होता है फायदा
एक ट्रक में करीब २४ टन ही माल भरा सकता है। इसकी रॉयल्टी रफ पत्थर की दर १७०.५० रुपए तथा ब्लॉक और कटिंग पॉलिस की रॉयल्टी दर २६४ रुपए प्रति टन है। हजार रुपए होती है। लेकिन इन ठेकेदारों के माध्यम से जाने वाले ट्रकों को रफ माल का पांच हजार रुपए तथा ब्लॉक का सात हजार रुपए का भुगतान करना पड़ता है। इसमें वे २४ टन की बजाय ३० से ३५ टन माल ले जाते हैं। इससे उनको डेढ़ गुना फायदा होता है। ट्रक चालक भी टोल नाकों पर कथित तौर पर अधिक राशि देकर अपने ट्रकों को पास करा ले जाते हैं। इतना ही नहीं ठेकेदार दूसरे राज्यों मध्यप्रदेश तथा उत्तरप्रदेश तक गाड़ी पास कराने की गारंटी देते हैं। इससे ओवरलोड का खेल भी धड़ल्ले से चल रहा है।
व्यापारियों ने की शिकायत

इस फर्जीवाड़े की शिकायत कुछ व्यापारियों ने उदयपुर मुख्यालय तथा हेल्पलाइन १८१ पर की थी। लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। आरोप लगाया कि इस कारनामें में विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत चल रही है। इस कारण न तो नाकों पर अपने आदमी बैठा रखे हैं और ना ही ठेका दिया गया है। इससे सरकार को लाखों रुपए का राजस्व घाटा हो रहा है। राजस्थान हेल्पलाइन नंबर 181 पर परिवाद का नंबर 08200 55 8341023 है, लेकिन अभी कोई कार्यवाही नहीं हुई है।
इनका यह कहना है
खनिज विभाग की ओर से फोरमैन के नेतृत्व में उडऩ दस्ता गठित किया हुआ है। वह क्षेत्र में लगाकर गश्त करा टैक्स चोरी करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करता है ।
मुकेश मंगल, माइंस इंजीनियर धौलपुर,
सरमथुरा. क्षेत्र में लगी एक गैंगसा यूनिट में रखे पत्थर।

गैंगसा का माल- २५
रफ माल – १०-१५
रॉयल्टी नाके खत्म

लोगो का हटा लिाया।
डेली गाडी आठ हजार रुपए
एमपी यूपी की गाड़ी
वन विभाग, खान विभग
ग्रुप
२२ टन की नहीं ले सकते हैं।
९.५० हजार रुप

३५ ४० हजार, टोल टैक्ट वाले

नाके पर तुलाई नहीं हो रही है।

यूनिट आंगई तक सौ तक १०० यूनिट, सब चालू हैं। सभी काम है।
चार पांच
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