धौलपुर में बजरी का अथाह भंडार, परिवहन रोक पाने पर नाकाम पुलिस-प्रशासन

धौलपुर. कहने को प्रतिबंधित चंबल बजरी परिवहन रोकने को रास्तों का चिन्हित करण, रास्ते रोकने-खुदवाना, अस्थाई चौकियां स्थापित करना, जगह-जगह नाकेबंदियों लगाना, शहर के रास्तों पर सीसीटीवी कैमरे लगवाने की व्यवस्था की गई है, लेकिन यह सभी व्यवस्थाएं बजरी माफियाओं के दम तोड़ती नजर आ रही है। पुलिस व प्रशासन की तमाम दावों के बीच जिला मुख्यालय पर चंबल बजरी के वाहनों का आवागमन खुलेआम हो रहा है।

<p>धौलपुर में बजरी का अथाह भंडार, परिवहन रोक पाने पर नाकाम पुलिस-प्रशासन</p>
धौलपुर में बजरी का अथाह भंडार, परिवहन रोक पाने पर नाकाम पुलिस-प्रशासन
-हमला होने के भय से आगे आने से कतरा रही पुलिस
-संयुक्त टास्क फोर्स के बाद एक-दूसरे विभागों में फंसा बजरी का अवैध परिवहन
-आबादी क्षेत्र में खुलेआम निकल रहे बजरी से भरे ट्रेक्टर-ट्रॉली
-हाइवे पर तिरपाल डाल कर हो रहा चंबल बजरी का अवैध परिवहन
धौलपुर. कहने को प्रतिबंधित चंबल बजरी परिवहन रोकने को रास्तों का चिन्हित करण, रास्ते रोकने-खुदवाना, अस्थाई चौकियां स्थापित करना, जगह-जगह नाकेबंदियों लगाना, शहर के रास्तों पर सीसीटीवी कैमरे लगवाने की व्यवस्था की गई है, लेकिन यह सभी व्यवस्थाएं बजरी माफियाओं के दम तोड़ती नजर आ रही है। पुलिस व प्रशासन की तमाम दावों के बीच जिला मुख्यालय पर चंबल बजरी के वाहनों का आवागमन खुलेआम हो रहा है। गंभीर बात यह है कि बजरी के वाहनों को रोकने के लिए बनाई गई संयुक्त विभागीय टॉस्क फोर्स हमला होने के भय के कारण बजरी माफियाओं के आगे जाने से कतरा रही है। जहां एक ओर पांच विभागों की टॉस्क फोर्स बजरी परिवहन को रोकने के लिए एक-दूसरे की जिम्मेदारी बताने में जुटी हुई, तो वहीं माफिया बेरोकटोक बजरी के परिवहन को करने में जुटे हुए है।
उल्लेखनीय है कि जिले में प्रतिबंधित चंबल बजरी के परिवहन को रोकने के लिए सरकार के निर्देश पर करीब डेढ़ साल पहले जिला प्रशासन ने संयुक्त विभागीय टास्क फोर्स का गठन किया गया है। इस फोर्स में जिले के वन विभाग, राजस्व विभाग, परिवहन विभाग, खनन विभाग व पुलिस के अधिकारियों व कार्मिकों का संयुक्त दल का गठन किया गया है। बजरी परिवहन को रोकने के लिए जिले की संयुक्त टास्क फोर्स जिले में हवा में तीन चला रही है। अभी तक बजरी परिवहन रोकने कोई रणनीति नहीं होने के कारण मनमानी तरीके से कार्रवाईयां की जा रही है।
फंस गए तो कार्रवाई नहीं तो, एक-दूसरे पर टालमटोल
कभी-कभार बजरी के वाहनों को पकड़-धकड़ पर संयुक्त विभागीय टास्क फोर्स का विभाग अपनी उपलब्धियां बताते हुए दूसरे विभाग पर सहयोग नहीं करने का आरोप मढ़ देता है। संयुक्त विभागीय टास्क फोर्स में सबसे अधिक सूचना तंत्र पुलिस का मजबूत माना जाता है, लेकिन जहां पुलिस कभी-कभार बजरी के वाहन को पकड़ती तो वह अन्य विभागों पर सहयोग नहीं करने का आरोप लगा देती है, तो वहीं बजरी परिवहन के लिए जिम्मेदार वन विभाग अपने ही क्षेत्र के बजरी के खनन वाले स्थानों को भी चिन्हित नहीं कर पाया है। इतना ही नहीं जिले के राजस्व विभाग, परिवहन विभाग, खनन विभाग ने चंबल बजरी के परिवहन पर आंखे ही मूंद रखी है।
पुलिस की संलिप्तता भी आई सामने
चंबल बजरी के परिवहन को लेकर पहले भी कई बार पुलिस की संलिप्तता सामने आ चुकी है। इस दौरान जिले के कई पुलिस उच्चाधिकारियों के तार भी बजरी परिवहन से जुडऩा उजागर हो चुका है। लेकिन इसके बाद अभी तक बजरी परिवहन से जुड़े पुलिसकर्मियों के चिन्हिकरण का कार्य अभी तक अधूरा पड़ा हुआ है। ऐसे में जिले में हो रहा बजरी का परिवहन खुलेआम हो रहा है। पुलिस के जिला मुख्यालय पर कड़े बंदोबस्त के बीच चंबल बजरी के वाहन खुलआम आ-जा रहे है, जबकि हाइवे मार्ग से ट्रकों के जरिए रात के समय तिरपाल से ढक बजरी का परिवहन हो रहा है।
देर रात से अल सुबह तक बजरी का परिवहन
सूत्रों की मानें तो जिले में 100 किमी क्षेत्र में बह रही चंबल नदी के करीब दो दर्जन से अधिक घाटों में रोजाना ५00 से ७00 ट्रैक्टर-ट्रॉलियों व ट्रकों के जरिए में अवैध बजरी परिवहन किया जा रहा है। यह परिवहन देर रात से ही शुरू हो जाता है और अल सुबह तक चलता है। इन बजरी वाहनों को पड़ोसी प्रदेश के आगरा, मथुरा के अलावा पड़ोसी जिले भरतपुर व करौली जिलों में पहुंचाया जाता है। इतना ही नहीं जिला स्तर पर बजरी की पूर्ति करने के लिए माफिया किसी भी समय बेरोकटोक चंबल बजरी उपलब्ध करा देते है।
जिले में बजरी का अथाह भंडार
जिले में चंबल बजरी का अथाह भंडार है। यहां समोना घाट, टिडवाली घाट दगरा-वरसला घाट, गढ़ी जाफर घाट, दुर्गसी घाट, शंकरपुर घाट, सेवर घाट, धौलपुर मौरोली घाट, रेलवे पुल घाट, तिघरा घाट, भमरोली घाट, पाली घाट जैतपुर, भूड़ा, शंकरपुरा, मितावली घाट, धनावली घाट, करुआपुरा घाट, झीरी हल्लुपुरा घाट बजरी खनन के मुख्य केन्द्र है। इन घाटों में मौरोली घाट, जैतपुर, भूड़ा व शंकरपुरा, झीरी हल्लुपुरा घाट, पाली घाट बड़े घाटों में शुमार है। यहां बड़ी मात्रा में चंबल की बजरी का खनन होता है।
इनका कहना….
अभियान चलाया जा रहा है, सख्त कार्रवाईयों करने के निर्देश दिए गए है।
राकेश कुमार जायसवाल, जिला कलक्टर, धौलपुर
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