क्या हैं कारण
राजाखेड़ा क्षेत्र तीन ओर से आगरा जिले से घिरा हुआ है। यहां के लोगों के अधिकांश सामाजिक संबंध भी आगरा जिले में ही है। ऐसे में आगरा जाने आने वालों की संख्या काफी बड़ी है। यहां का व्यापार भी 80 फीसदी तक आगरा मंडी से ही होता है। अधिकांश व्यापारी भी आगरा प्रतिदिन सफर करते है। ऐसे में यह निरंतर सबसे व्यस्त मार्ग बना हुआ है।
कोरोना के खतरे के बीच भी भारी यात्रा भार
बसों की कमी के चलते उपलब्ध बसों में यात्रियों की औसत संख्या 50 से ऊपर ही बनी हुई है। एक परिचालक ने बताया कि बड़े यात्री भार के चलते बसों में सोशल डिस्टेंसिंग की पालना भी नहीं हो पा रही। वहीं आगरा की ओर से शाम 6.20 के बाद कोई बस राजाखेड़ा के लिए उप्लब्ध नहीं होने से वहां खरीददारी करने जाने वाले व्यापारियों को भी खासी परेशानी होती है। दवा व्यापारी मोनू जैन ने बताया कि मंडी करके लौटकर आते समय बस उपलब्ध न होने से या तो उन्हें डग्गेमार वाहनों में जान हथेली पर लेकर आना पड़ता है और वो भी दोगुनी कीमत पर या फिर महंगी टैक्सी किराए पर लेकर आना पड़ता है। जिससे व्यापार लॉगत में भी भारी इजाफा हो जाता है। ऐसे में उनके साथ अन्य व्यापारियों ने भी बसों का पुन: संचालन आरम्भ करने की मांग की है।
राजाखेड़ा क्षेत्र तीन ओर से आगरा जिले से घिरा हुआ है। यहां के लोगों के अधिकांश सामाजिक संबंध भी आगरा जिले में ही है। ऐसे में आगरा जाने आने वालों की संख्या काफी बड़ी है। यहां का व्यापार भी 80 फीसदी तक आगरा मंडी से ही होता है। अधिकांश व्यापारी भी आगरा प्रतिदिन सफर करते है। ऐसे में यह निरंतर सबसे व्यस्त मार्ग बना हुआ है।
कोरोना के खतरे के बीच भी भारी यात्रा भार
बसों की कमी के चलते उपलब्ध बसों में यात्रियों की औसत संख्या 50 से ऊपर ही बनी हुई है। एक परिचालक ने बताया कि बड़े यात्री भार के चलते बसों में सोशल डिस्टेंसिंग की पालना भी नहीं हो पा रही। वहीं आगरा की ओर से शाम 6.20 के बाद कोई बस राजाखेड़ा के लिए उप्लब्ध नहीं होने से वहां खरीददारी करने जाने वाले व्यापारियों को भी खासी परेशानी होती है। दवा व्यापारी मोनू जैन ने बताया कि मंडी करके लौटकर आते समय बस उपलब्ध न होने से या तो उन्हें डग्गेमार वाहनों में जान हथेली पर लेकर आना पड़ता है और वो भी दोगुनी कीमत पर या फिर महंगी टैक्सी किराए पर लेकर आना पड़ता है। जिससे व्यापार लॉगत में भी भारी इजाफा हो जाता है। ऐसे में उनके साथ अन्य व्यापारियों ने भी बसों का पुन: संचालन आरम्भ करने की मांग की है।