धौलपुर

राजाखेड़ा के नागवेन्द्र की पहल पर झुंझुनूं के पन्ने सिंह के शव को नसीब हुई वतन की मिट्टी

धौलपुर. कौन कहता है कि आसमां में सुराख नहीं हो सकता, एक पत्थर तो तबीयत से उछालों यारों। इस कहावत को चरितार्थ कर दिखाया है राजाखेड़ा के नागवेन्द्र सिंह ने। सोश्यल मीडिया पर वायरल हो रही एक व्यक्ति की दुबई में मौत के बाद शव को वतन नहीं लौटने की बात को गंभीरता से लिया। सोश्यल मीडिया की इस खबर को नागवेन्द्र सिंह ने इण्डियन रेड क्रॉस सोसाइटी के उपाध्यक्ष अविनाश राय खन्ना को भेजा और लगातार संपर्क साधे रखा और आखिरकार 39 दिन बाद

धौलपुरApr 16, 2021 / 08:35 pm

Naresh

राजाखेड़ा के नागवेन्द्र की पहल पर झुंझुनूं के पन्ने सिंह के शव को नसीब हुई वतन की मिट्टी

राजाखेड़ा के नागवेन्द्र की पहल पर झुंझुनूं के पन्ने सिंह के शव को नसीब हुई वतन की मिट्टी
-39 वें दिन भारत पहुंचा दुबई में काम करने वाले का शव
– परिजनों ने नम आंखों से किया अन्तिम संस्कार
धौलपुर. कौन कहता है कि आसमां में सुराख नहीं हो सकता, एक पत्थर तो तबीयत से उछालों यारों। इस कहावत को चरितार्थ कर दिखाया है राजाखेड़ा के नागवेन्द्र सिंह ने। सोश्यल मीडिया पर वायरल हो रही एक व्यक्ति की दुबई में मौत के बाद शव को वतन नहीं लौटने की बात को गंभीरता से लिया। सोश्यल मीडिया की इस खबर को नागवेन्द्र सिंह ने इण्डियन रेड क्रॉस सोसाइटी के उपाध्यक्ष अविनाश राय खन्ना को भेजा और लगातार संपर्क साधे रखा और आखिरकार 39 दिन बाद मृतक झुंझुनूं के पन्ने सिंह के शव को वतन की मिट्टी नसीब हुई । शव के घर पहुंचने पर परिजनों ने नम आंखों से किया अन्तिम संस्कार किया गया।
जानकारी के अनुसार बच्चों के बेहतर भविष्य और रोजीरोटी कमाने के चक्कर में झुंझुनूं जिले की तहसील मसलसीर निवासी गुंडा का ढाणी कालियासर निवासी पन्ने सिंह पुत्र भगवान गिरि सात दो साल पहले ें दुबई की एक कंपनी काम करने गया। यहां पन्ने सिंह के परिवार में उसकी पत्नी सुमित्रा देवी, एक बेटा ओमप्रकाश गोस्वामी, दो बेटियां मुकेश व सुमन और 6 अन्य भाई है। इस बार की होली पर पन्ने सिंह के आने का वादा था, सब कुछ ठीक ठाक चल रहा था। लेकिन होनी को कुछ और ही मंजूर था, गत 9 मार्च 2021 को दुबई में कम्पनी में काम करते हुए पन्ने सिंह की असामयिक मृत्यु हो गई। झन्झुनू में रहने वाले पन्ने सिंह के परिवार वालों को इस बात की खबर मिलती है, तो उन पर दुखों का पहाड़ टूट पडता है। इस बीच दुबई से पन्ने सिंह के परिवार के लिए एक और बुरी खबर आती है कि पन्ने की मृत्यु के समय वो कोरोना पाजिटिव था। जिससे उसका शव भारत नहीं आ सकता। इसलिए उसका दुबई में ही अंतिम संस्कार संस्कार करने के लिए घरवालों से एनओसी की मांग की जाती है। पन्ने के परिवार पर दोहरा दुखों का पहाड़ टूट पड़ा, एक तो पन्ने के जाने का गम दूसरा शव भारत नहीं आने की सूचना, इस बात को लेकर परिजनों को रो रो कर बुरा हाल रहने लगा, परिजनों ने स्थानीय सांसद सहित कई जनप्रतिनिधियों व प्रशासन से शव भारत मंगवाने की गुहार लगाई। दिन बीतते गए, लेकिन कहीं से मदद नहीं मिल सकी।
नागवेन्द्र ने दिखाई गंभीरता
पन्ने की मौत और शव परिजनों को नहीं मिलने की बातें जब मीडिया व सोशल मीडिया पर खबर वायरल होने लगी। यह जानकारी जब धौलपुर के राजाखेड़ा निवासी नागवेन्द्र सिंह चौहान को मिली, तो उन्होंने इण्डियन रेड क्रॉस सोसाइटी के उपाध्यक्ष अविनाश राय खन्ना से संपर्क साधा और पन्ने सिंह का शव दुबई से भारत लाने के लिए मदद की गुहार लगाई। लगातार संपर्क में रहने पर खन्ना ने भारतीय विदेश मंत्रालय व दुबई में स्थित भारतीय दूतावास से निरतंर सम्पर्क में रह कर झुंझुनूं निवासी मृतक पन्ने सिंह के शव को उसकी मौत के 39 वें दिन शुक्रवार भारत लाने में सफलता हासिल की है। मृतक के शव को शुक्रवार दिल्ली एयरपोर्ट से उसके भाई रामस्वरूप द्वारा लेने के बाद परिजनों से विधि विधान के साथ कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए अपने पैतृक गांव गुसाईं की ढाणी में अंतिम संस्कार कर दिया है। इससे पहले भी अविनाश राय खन्ना ने गत वर्ष कोरोना के कारण लगे लाकडाउन के समय भी जम्मू कश्मीर में फसें धौलपुर के एक दर्जन से अधिक श्रमिकों को नागवेन्द्र सिंह की पहल पर तत्काल राशन सामग्री पहुंचवाई थी।

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