धौलपुर

फरवरी माह में भी मचकुंड सरोवर में यूरोपियन पक्षी पोचार्ड का डेरा…देखें तस्वीरें

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Published: February 18, 2022 01:40:30 pm
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फरवरी माह में भी मचकुंड सरोवर में यूरोपियन पक्षी पोचार्ड का डेरा...देखें तस्वीरें

धौलपुर सर्दी के मौसम में जिले के जलाशयों पर आए प्रवासी परिंदों की कड़ी में इस बार तीर्थराज मचकुंड में बड़ी संख्या में यूरोप से आने वाले रेड क्रेस्टेड पोचार्ड पक्षी ने फरवरी माह के मध्य तक डेरा डाला हुआ है। पक्षी विशेषज्ञों के अनुसार पोचार्ड पक्षी का जिले में आगमन सर्दी बढ़ने के साथ ही नवंबर माह से शुरू हो गया था।इस पक्षी को हिंदी भाषा में लाल चोंच व लाल सिर वाली बत्तख के नाम से भी जानते है। पोचार्ड अन्य प्रवासी पक्षियों के साथ गहरे तालाबो या कम वेग से बहने बाली नदियों में प्रवास करता है। पोचार्ड के प्रजनन का समय भारत में सर्दियों के खत्म होने पर होता है। इस दौरान ये सभी पक्षी अपने प्रजनन क्षेत्रों में वापस चले जाते है। इनका प्रजनन दक्षिण यूरोप व मध्य एशिया के देशों में होता है। इस बार पौराणिक स्थल मचकुंड में पोचार्ड पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित कर रहे हैं।

फ़ोटो. नरेश लवानियां

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फरवरी माह में भी मचकुंड सरोवर में यूरोपियन पक्षी पोचार्ड का डेरा...देखें तस्वीरें

धौलपुर सर्दी के मौसम में जिले के जलाशयों पर आए प्रवासी परिंदों की कड़ी में इस बार तीर्थराज मचकुंड में बड़ी संख्या में यूरोप से आने वाले रेड क्रेस्टेड पोचार्ड पक्षी ने फरवरी माह के मध्य तक डेरा डाला हुआ है। पक्षी विशेषज्ञों के अनुसार पोचार्ड पक्षी का जिले में आगमन सर्दी बढ़ने के साथ ही नवंबर माह से शुरू हो गया था।इस पक्षी को हिंदी भाषा में लाल चोंच व लाल सिर वाली बत्तख के नाम से भी जानते है। पोचार्ड अन्य प्रवासी पक्षियों के साथ गहरे तालाबो या कम वेग से बहने बाली नदियों में प्रवास करता है। पोचार्ड के प्रजनन का समय भारत में सर्दियों के खत्म होने पर होता है। इस दौरान ये सभी पक्षी अपने प्रजनन क्षेत्रों में वापस चले जाते है। इनका प्रजनन दक्षिण यूरोप व मध्य एशिया के देशों में होता है। इस बार पौराणिक स्थल मचकुंड में पोचार्ड पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित कर रहे हैं।

फ़ोटो. नरेश लवानियां

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फरवरी माह में भी मचकुंड सरोवर में यूरोपियन पक्षी पोचार्ड का डेरा...देखें तस्वीरें

धौलपुर सर्दी के मौसम में जिले के जलाशयों पर आए प्रवासी परिंदों की कड़ी में इस बार तीर्थराज मचकुंड में बड़ी संख्या में यूरोप से आने वाले रेड क्रेस्टेड पोचार्ड पक्षी ने फरवरी माह के मध्य तक डेरा डाला हुआ है। पक्षी विशेषज्ञों के अनुसार पोचार्ड पक्षी का जिले में आगमन सर्दी बढ़ने के साथ ही नवंबर माह से शुरू हो गया था।इस पक्षी को हिंदी भाषा में लाल चोंच व लाल सिर वाली बत्तख के नाम से भी जानते है। पोचार्ड अन्य प्रवासी पक्षियों के साथ गहरे तालाबो या कम वेग से बहने बाली नदियों में प्रवास करता है। पोचार्ड के प्रजनन का समय भारत में सर्दियों के खत्म होने पर होता है। इस दौरान ये सभी पक्षी अपने प्रजनन क्षेत्रों में वापस चले जाते है। इनका प्रजनन दक्षिण यूरोप व मध्य एशिया के देशों में होता है। इस बार पौराणिक स्थल मचकुंड में पोचार्ड पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित कर रहे हैं।

फ़ोटो. नरेश लवानियां

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धौलपुर सर्दी के मौसम में जिले के जलाशयों पर आए प्रवासी परिंदों की कड़ी में इस बार तीर्थराज मचकुंड में बड़ी संख्या में यूरोप से आने वाले रेड क्रेस्टेड पोचार्ड पक्षी ने फरवरी माह के मध्य तक डेरा डाला हुआ है। पक्षी विशेषज्ञों के अनुसार पोचार्ड पक्षी का जिले में आगमन सर्दी बढ़ने के साथ ही नवंबर माह से शुरू हो गया था।इस पक्षी को हिंदी भाषा में लाल चोंच व लाल सिर वाली बत्तख के नाम से भी जानते है। पोचार्ड अन्य प्रवासी पक्षियों के साथ गहरे तालाबो या कम वेग से बहने बाली नदियों में प्रवास करता है। पोचार्ड के प्रजनन का समय भारत में सर्दियों के खत्म होने पर होता है। इस दौरान ये सभी पक्षी अपने प्रजनन क्षेत्रों में वापस चले जाते है। इनका प्रजनन दक्षिण यूरोप व मध्य एशिया के देशों में होता है। इस बार पौराणिक स्थल मचकुंड में पोचार्ड पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित कर रहे हैं।

फ़ोटो. नरेश लवानियां

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धौलपुर सर्दी के मौसम में जिले के जलाशयों पर आए प्रवासी परिंदों की कड़ी में इस बार तीर्थराज मचकुंड में बड़ी संख्या में यूरोप से आने वाले रेड क्रेस्टेड पोचार्ड पक्षी ने फरवरी माह के मध्य तक डेरा डाला हुआ है। पक्षी विशेषज्ञों के अनुसार पोचार्ड पक्षी का जिले में आगमन सर्दी बढ़ने के साथ ही नवंबर माह से शुरू हो गया था।इस पक्षी को हिंदी भाषा में लाल चोंच व लाल सिर वाली बत्तख के नाम से भी जानते है। पोचार्ड अन्य प्रवासी पक्षियों के साथ गहरे तालाबो या कम वेग से बहने बाली नदियों में प्रवास करता है। पोचार्ड के प्रजनन का समय भारत में सर्दियों के खत्म होने पर होता है। इस दौरान ये सभी पक्षी अपने प्रजनन क्षेत्रों में वापस चले जाते है। इनका प्रजनन दक्षिण यूरोप व मध्य एशिया के देशों में होता है। इस बार पौराणिक स्थल मचकुंड में पोचार्ड पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित कर रहे हैं।

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धौलपुर सर्दी के मौसम में जिले के जलाशयों पर आए प्रवासी परिंदों की कड़ी में इस बार तीर्थराज मचकुंड में बड़ी संख्या में यूरोप से आने वाले रेड क्रेस्टेड पोचार्ड पक्षी ने फरवरी माह के मध्य तक डेरा डाला हुआ है। पक्षी विशेषज्ञों के अनुसार पोचार्ड पक्षी का जिले में आगमन सर्दी बढ़ने के साथ ही नवंबर माह से शुरू हो गया था।इस पक्षी को हिंदी भाषा में लाल चोंच व लाल सिर वाली बत्तख के नाम से भी जानते है। पोचार्ड अन्य प्रवासी पक्षियों के साथ गहरे तालाबो या कम वेग से बहने बाली नदियों में प्रवास करता है। पोचार्ड के प्रजनन का समय भारत में सर्दियों के खत्म होने पर होता है। इस दौरान ये सभी पक्षी अपने प्रजनन क्षेत्रों में वापस चले जाते है। इनका प्रजनन दक्षिण यूरोप व मध्य एशिया के देशों में होता है। इस बार पौराणिक स्थल मचकुंड में पोचार्ड पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित कर रहे हैं।

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