ऐसे में आज आषाढ़ गुप्त नवरात्रि का पहला सोमवार अपने में कुछ खास संयोग बना रहा है। पंडितों व धर्म के जानकारों के अनुसार नवरात्रि का पहला सोमवार होने चलते इस दिन भगवान शिव को प्रसन्न अत्यंत आसानी से प्रसन्न किया जा सकता है।
इस संबंध में जानकारों का कहना है भगवान शिव की पूजा से पहले माता पार्वती की पूजा की जानी चाहिए। माना जाता है ऐसा करने से ही भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और उनकी पूजा पूर्ण होती है।
Read more – Corona Third Wave in astrology: कोरोना की तीसरी लहर कब और कैसे आएगी? जानें बचाव के उपाय
मान्यता के अनुसार माता पार्वती के साथ सभी गणों और नंदी से घिरे भगवान शिव की पूजा करने से मान-सम्मान की प्राप्ति होती है। वहीं भगवान शिव-पार्वती के साथ कार्तिकेय का पूजन करने से सभी इच्छाएं पूरी होती हैं।
गुप्त नवरात्र के सोमवार: ऐसे करें भगवान शिव को प्रसन्न
भगवान शिव बहुत भोले हैं, यदि कोई भक्त सच्ची श्रद्धा से उन्हें सिर्फ एक लोटा जल भी अर्पित करे, तो भी वे प्रसन्न हो जाते हैं, इसीलिए उन्हें भोलेनाथ भी कहा जाता है। वे सदा अपने भक्तों पर कृपा बरसाते हैं।
Must Read- Mangala Gauri Vrat 2021: इस साल 27 जुलाई को है पहला मंगला गौरी व्रत, जानें पौराणिक कथा
भगवान शिव का वार सोमवार माना जाता है। जानकारों के अनुसार सोमवार को अगर भगवान शिव की सच्चे मन से पूजा की जाए तो सारे क्लेशों से मुक्ति मिलती है और मनोकामना पूर्ण होती है। भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए सोमवार को सुबह उठकर स्नान करके श्रीगणेश व माता पार्वती की पूजा के बाद भगवान शिव की आराधना करनी चाहिए।
चूकिं नवरात्र के दौरान माता के विभिन्न रूपों का पूजन विशेष महत्व रखता है, ऐसे में जहां भगवान शंकर से पहले माता पार्वती की पूजा होने से भगवान शिव तो प्रसन्न होंगे ही, माता के नवरात्र की पूजा भी नियम के अनुसार होने से देवी मां भी प्रसन्न होकर आशीर्वाद देंगी।
शिव पूजा के दौरान भगवान शंकर के साथ माता पार्वती और नंदी को गंगाजल चढ़ाएं। सोमवार के दिन शिवजी को चंदन, अक्षत, बिल्व पत्र, धतूरा या आंकड़े के फूल अवश्य चढ़ाएं। ये सभी चीजें भगवान शिव की प्रिय हैं। इन्हें चढ़ाने पर भोलेनाथ जल्दी प्रसन्न होकर अपनी कृपा बरसाते है।
– नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय॥