बुध प्रदोष : 14 अक्टूबर 2020 को ऐसे पाएं भगवान शिव की विशेष कृपा के साथ ही दोषों से मुक्ति

बुध प्रदोष व्रत से बच्चों की सेहत को लाभ…

<p>Pradosh Vrat : 14 October 2020 get blessings of LORD SHIVA</p>

हर महीने के कृष्ण और शुक्ल दोनों पक्षों की त्रयोदशी के दिन प्रदोष व्रत होता है, यह व्रत भगवान शिव शंकर को विषेश प्रिय माना गया है। वहीं सप्ताह के सातों दिनों में से जिस दिन प्रदोष व्रत पड़ता है, उसी के नाम पर उस प्रदोष का नाम रखा जाता है। अतः इस माह 14 अक्टूबर 2020 यानि बुधवार को प्रदोष है, जिस कारण यह प्रदोष व्रत बुध प्रदोष है।

त्रयोदशी तिथि में रात्रि के प्रथम प्रहर, यानि दिन छिपने के बाद शाम के समय को प्रदोष काल कहते हैं । ऐसा कहा गया है कि इस व्रत को करने से व्रती को मोक्ष की प्राप्ति होने के साथ ही कर्ज और दरिद्रता से भी मुक्ति मिलती है।

बुध प्रदोष व्रत विधि…
– नित्य कार्यों से निर्वित होकर स्नान करें।
– स्नान करने के बाद भगवान का ध्यान करें और व्रत का संकल्प करें।
– स्वच्छ वस्त्र धारण करें और भगवान शिव की पूजा करें।
– पूजा स्थल पर उत्तर या पूर्व दिशा की तरफ मुंह करके बैठना चाहिए।
– भगवान शिव का गंगाजल से अभिषेक करें और उन्हें पुष्प अक्षत्, भांग, धतूरा, सफेद चंदन, गाय का दूध, धूप आदि अर्पित करें।
नम: शिवाय ओम नम: शिवाय का जप करें।
– शिव चालीसा और आरती करें।
– पूजा संपूर्ण होने के बाद प्रसाद सभी में बांट दें।

प्रदोष व्रत के लाभ
इस व्रत के करने से भगवान शिव खुश होते हैं और सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं।
भगवान शिव की कृपा से तमाम तरह के कष्टों और दुखों से छुटकारा मिल जाता है।

प्रदोष व्रत : भगवान शिव की विशेष कृपा पाने का दिन…

शास्त्रों में प्रदोष व्रत भगवान शिव की विशेष कृपा पाने का दिन है, जो प्रदोष व्रत बुधवार के दिन पड़ता है उसे बुध प्रदोष कहते हैं,वहीं बुध के कारक देव स्वयं भगवान शिव के पुत्र व बुद्धि के देवता श्री गणेश जी हैं। ऐसे में बुध प्रदोष व्रत करके कोई भी व्यक्ति अपने बच्चों की बुद्धि और स्वास्थ्य को ठीक कर सकता है। हर महीने की दोनों पक्षों की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत किया जाता है। प्रदोष व्रत का पूजन शाम के समय सूर्यास्त से पहले और ठीक बाद में किया जाता है।

शिव-गणेश की पूजा दिलाएगी दोषों से मुक्ति…

– बुध प्रदोष के दिन नहा धोकर साफ हल्के रंग के कपड़े पहनें।

– भगवान गणेश जी के सामने घी का दीया जलाकर गं मन्त्र का 108 बार जाप करें।

-सारा दिन भगवान शिव के मन्त्र नमः शिवाय का जाप करें।

-शाम के समय प्रदोष काल मे भगवान शिव को पंचामृत (दूध दही घी शहद और शक्कर) से स्न्नान कराएं उसके बाद शुद्ध जल से स्न्नान कराकर रोली मौली चावल धूप दीप से पूजन करें।

– भगवान शिव को सफेद चावल की खीर का भोग लगाएं।

– आसन पर बैठकर शिवाष्टक का पाठ करें तथा सारे विघ्न और दोषों को खत्म करने की प्रार्थना भगवान शिव से करें।

बुध प्रदोष व्रत से बच्चों की सेहत को लाभ…

– बच्चों की जन्मकुंडली के लग्न भाव मे पापी ग्रहों के होने और लग्नेश के नीच राशि मे जाने से स्वास्थ्य में बाधा आती है।

– स्वास्थ्य के कारक सूर्य पीड़ित होने से भी सेहत अच्छी नहीं रहती है।

: बुधवार के दिन देसी घी का चौमुखी दीपक शाम के समय शिवलिंगके समीप जलाएं। और शिव चालीसा का तीन बार पाठ करें ऐसा करने से बच्चों के स्वास्थ्य की परेशानी खत्म होगी।

– बच्चों के स्वास्थ्य की समस्या खत्म होने पर बीमार बच्चों को दवा और कपड़ों का दान जरूर करें

इस दिन मिलेगा उत्तम बुद्धि का महावरदान…

– कुशाग्र बुद्धि और स्वास्थ्य के लिए लग्न लग्नेश तथा बुध और गुरु सूर्य का शुभ और बलवान होना जरूरी होता है।

– अपने स्नान के जल में गंगाजल डालकर स्नान करें ऐसा लगातार करने से सभी ग्रह शुभ प्रभाव देना शुरू कर देते है।

– अपने घर की उत्तर पूर्व दिशा (ईशान कोण) में मिट्टी के बर्तन में जल भरकर रखें तथा समय समय पर इसका जल बदलते रहें।

– अपनी और अपने बच्चों की बुद्धि के लिए बुध प्रदोष व्रत के दिन सुबह और शाम के समय भगवान गणेश के सामने हरी इलायची अर्पित करें।

– और 27 बार ॐ बुद्धिप्रदाये नमः मन्त्र का सुबह शाम जाप करें तथा प्रसाद के रूप में इलायची खाएं।

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