धार के गांवोंं चलते है तालिबानी कानून, बिना गलती भी सजा देते है लोग

– युवतियों पर बरसाए डंडे, बाल पकडकर घसीटा

<p>धार के गांवोंं चलते है तालिबानी कानून, बिना गलती भी सजा देते है लोग</p>
धार-टांडा.
टांडा के पास गांव में युवतियों को जब तक मारा गया। जब तक लकडियां टूट नहीं गई। इन्हें मारने में युवकों के साथ एक महिला भी नजर आ रही है। इस महिला ने युवतियों को बचाने के बजाय बाल खींचकर लकडियों से पीटा गया।
टांडा के पास गांव पीपलवा ने दो युवतियों को सिर्फ इस बात के लिए पीट दिया कि वह फोन पर बात कर रही थी। घटना 22 जून की है, लेकिन ये दोनों युवतियां थाने की देहरी नहीं चढ पाई। किसी ने पुलिस को 25 जून को सूचना दी तो मारपीट की धाराओं में प्रकरण दर्ज किया। इसके बाद ये सातों लोग भी छूट गए। बाद में 3 जुलाई को बर्बरता से पीटने का वीडियो वायरल हुआ तो पूरा महकमा हिल गया। ताबड़तोड धाराएं बढाकर सात लोगों को गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस ने सूचना पर लगाई दौड़

पुलिस को वीडियो मिला तो इसकी पुष्टी के लिए टीआइ विजय वास्केल ने दौड लगाई। टीआइ पुलिस बल के साथ ग्राम पीपलवा पहुंचे। ग्रामीण जन घटना की जानकारी देने से कतराते रहे। वास्केल ने वहां के सरपंच उदयसिंह से संपर्क कर घटना का वीडियो दिखाया जिस पर सरपंच ने घटना ग्राम पीपलवा की होने की पुष्टी की । इसके बाद पुलिस पीडिताओं के घर पहुंची। इस दौरान दोनों युवतियां सहमी और डरी हुई थी। पुलिस ने दोनों को समझाईश दी और थाने लाए। महिला प्रधान आरक्षक सुमित्रा बघेल ने प्राथमिकी दर्ज की। रिपोर्ट में युवतियों ने बताया कि वे आपस में काका बाबा की बहनें है। 22जून मंगलवार को सुबह करीब 11 बजे बांध तालाब की ओर से घर आ रहे थे तभी स्कूल के पास गांव के परिजन सुरेश मोहन, पारू मैथू, कालो गर्दन, विक्रम दायसिंह, छितु मोहन, हीरालाल नामालूम, समतुबाई पति रतन ने रोका। इन लोगोंने कहा कि मामा के लडके से क्यों बात करते है और पिटाई शुरू कर दी। पिटाई से शरीर में कई जगह चोंटे आई। इन्होंने हमें धमकाया भी कि पुलिस में रिपोर्ट की तो तुमको गांव में नहीं रहने देंगे। दोनों घर पहुंची व पिता हुसैन व काका बिशन को बताया। घटना से सभी डर गए थे।
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