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VIDEO पुलिस ने पूछा कारण, नहीं बताने पर काटना पड़ी दिनभर जेल

– मंगलवार से पुलिस और प्रशासन ने शुरू की सख्ती- छुट के बाद दोपहर में घर से निकलने वालों की लगवाई उठक-बैठक

धारApr 20, 2021 / 08:08 pm

Amit S mandloi

VIDEO पुलिस ने पूछा कारण, नहीं बताने पर काटना पड़ी दिनभर जेल

पत्रिका लाइव रिपोर्ट
धार.
कोरोना कफ्र्यू को लेकर क्राइसेस मैनजमेंट की बैठक के बाद लिए गए निर्णय से मंगलवार को सख्ती देखने को मिली। प्रशासन और पुलिस दोनों ही सख्ती के मूड में नजर आए। चौराहों पर तैनात पुलिसकर्मियों ने कोरोना कफ्र्यू के दौरान आने-जाने वालों को रोका और घर लौटाया। साथ ही बेवजह घरों से निकलने वालों से उठक-बैठक भी लगवाई। इसके अलावा जिन लोगों ने अपना जवाब सही नहीं दिया उन्हें अस्थायी जेल काटना पड़ी।
शहरभर में मंगलवार को पुलिस की सख्ती रही। इस दौरान दिनभर में करीब १५० से अधिक लोगों को अस्थायी जेल भेजा गया। सिटी मजिस्ट्रेट शिवांगी जोशी ने बताया कि पहले दिन 58 लोगों को चार घंटे जेल में रखा गया। इसके बाद इन्हें हिदायत देकर छोड़ा गया। गौरतलब है कि सोमवार को उत्कृष्ट विद्यालय में बेवजह घूमने वालों के लिए अस्थायी जेल बनाई गई है।
लोगों ने की जरूरी सामान की खरीदी
कोरोना कफ्र्यू के कारण जरूरी सामाग्री की दुकानें बंद थी। मंगलवार को प्रशासन की तरफ से दो घंटे दुकानें खोलने की अनुमति मिलने के कारण लोग घरों से निकले और सब्जी, फल, दूध व अन्य जरूरी सामान की खरीदी की। सुबह 6 से 10 बजे तक खरीदी के लिए कोरोना कफ्र्यू में राहत दी गई थी। इस बीच पुलिस भी लोगों पर निगरानी रखने के लिए गश्त कर रही थी।
चौराहों पर लगवाई पर उठक-बैठक

शहर के चौराहों पर पुलिस जवानों की ड्यूटी लगाई गई है। मंगलवार को कोरोना कफ्र्यू के दौरान पुलिस की सख्ती देखने को मिली। मोहन टॉकिज, घोड़ा चौपाटी चौपाटी, आनंद चौपाटी, हटवाड़ा आदि स्थानों पर पुलिस ने आने-जाने वालों को रोका और घर लौटाया। घोड़ा चौपाटी-मोहन टॉकिज क्षेत्र में जिन लोगों ने घर से बाहर निकलने का कारण ठीक नहीं बताया, उन्हें एक दिन के लिए अस्थायी जेल में रहना पड़ा। शाम 6 बजे इन सभी को जेल से छोड़ा गया।
घोडा चौपाटी से लेकर मोहन टाकीज चौराहे तक सख्ती

पुलिस-प्रशास ने संयुक्त कार्रवाई की। घोडा चौपाटी पर पुलिसअधीक्षक आदित्यप्रतापसिंह, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक देवेंद्र पाटीदार,डीएसपी अजाक निलेश्वरी डाबर, टीआई कमल सोलंकी मौजूद रहे। शहर से आने और जाने वालों परसख्ती की गई। मोहन टाकीज चौराहे पर सूबेदार रोहित निक्कम ने मोर्चा संभाला हुआ था।
जेल प्रबंधन ने एक कमरे में ही सभी को ठूंस दिया

अस्थाई जेल उत्कृष्ट विद्यालय में बनाई थी। सडक पर नियम का पालन कराने के लिए पुलिस और प्रशासन का अमला पसीना बहा रहा था। नियम तोडने वालों को उत्कष्ट विद्यालय भेजा जा रहा था। अस्थाई जेल की जिम्मेदारी जेल प्रबंधन पर थी। प्रबंधन के जवानों द्वाराबाहर नाम, पता लिखाजा रहा था। इसके बाद नियम तोडने वालों को एक ही कमरे में ठूंस दिया। ढेर साले लोगों को एक छोटे से कमरे में बंद कर दिया। यहां इनके बैठने तक की व्यवस्था नहीं थी। बाद में सिटी मजिस्टे्रट ने एककमरे में भीड देखकर दूसरा कमरा खोलकर आधों को वहां शिफ्ट करने के निर्देश दिए। अस्थाई जेल के मामले में जेल प्रबंधन की लापरवाही साफ नजर आई।
झलकिया

– दो महिलाएं झोला लेकर जा रही थी पूछा तो बोले सब्जी लेने जा रही हूं।
– एक युवक को पकड़ा को गैस कंपनी की डायरी दिखाकर बोला सिलेंडर लेने जा रहा हूं।
-दो युवक मोहन टाकीज चौराहे से गुजरे पकडा तो बोले वकील से मिलने जा रहे है।
– सिटी मजिस्टे्रट चौराहों से लेकर अस्थाई जेल का बार-बार निरीक्षण करती नजर आई।

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