पर्यटकों से गुलजार है ‘मांडू’, यहां के पत्थरों पर उकेरी गई है प्यार की ‘अमर दास्तां’, एक बार जरूर जाएं

बच्चों के लिए यहां डायनासोर के अंडे भी देखने को मिल जाएंगे…..

<p>Mandu </p>

मांडू। मध्यप्रदेश का प्राचीन नगर मांडू दुनिया भर में पर्यटकों को हमेशा से ही लुभाता रहा है। एक बार फिर से यहां पर बड़ी संख्या में पर्यटक पहुंच गए हैं। यहां का प्रमुख आकर्षण जहाज महल, रानी रूपमति महल, बाज बहादुर का महल, अशर्फी महल, होशंगशाह का मकबरा, जमा मस्जिद, लोहानी गुफाएं, नीलकंठेश्वर महादेव, गदाशाह की दुकान, तबेली महल, इको प्वाइंट जैसे स्थान हैं, जहां आपको जरूर जाना चाहिए और तो और बच्चों के लिए यहां डायनासोर के अंडे भी देखने को मिल जाएंगे।

बता दें कि मांडू में शनिवार से ही पर्यटकों की आमद शुरू हो गई। रविवार अवकाश के दिन बड़ी संख्या में पर्यटक मांडू पहुंचकर आनंद उठाते हैं। पर्यटन नगरी मांडू इन दिनों अपने शबाब पर है। बारिश के दिनों में मांडू के प्राकृतिक सौंदर्य देखते ही बनता है । शनिवार ,रविवार छुट्टी के दिनों में पर्यटक मांडू निहारने पहुंच रहे हैं । शनिवार को भी महलों पर काफी पर्यटक पहुंचे। बारिश के दिनों में मांडू में बादल मानो जमीन पर उतर आए । मांडू की एक ऐतिहासिक इमारतें कोहरे में ढंक सी गई है । दिन में भी वाहनों को लाइट जलाना पड़ रही है । मांडू पहुंचे पर्यटकों ने इस यादगार पल को अपने कैमरे में कैद किया कई जगह पर्यटक सेल्फी लेते नजर आए।

600 साल पुराना रेन वाटर हार्वेस्टिंग

जहाज महल की जल संरचनाएं आज भी शोध का विषय हैं। 600 साल पहले भी रेन वाटर हार्वेस्टिंग होता था। भुंज तालाब और कपूर तालाब का अंडर ग्राउंड कनेक्शन हैं। रहट विधि से पानी महल में बने स्विमिंग पूल में जाता था। प्राचीन काल में मांडू में लगभग 700 जल स्रोत थे। मुगल शासक जहांगीर ने 1617 में 42वां जन्मदिन यहीं मनाया था। वे पत्नी नूरजहां के सासथ जहाज महल में सात माह तक रहे थे।

मांडू में यहां जरूर जाएं

मांडू में पर्यटकों के लिए देखने लायक बहुत से स्थान हैं, जिनमें रानी रूपमती का महल, हिंडोला महल, जहाज महल, जामा मस्जिद, अशरफी महल आदि स्थान प्रमुख हैं। इसी के साथ ही मांडू को ‘मांडवगढ़ जैन तीर्थ’ के नाम से भी जाना जाता है। यहाँ भगवान सुपार्श्वनाथ की पद्मासन मुद्रा में विराजित श्वेत वर्णी सुंदर प्राचीन प्रतिमा है। इस प्रतिमा की स्थापना सन् 1472 में की गई थी। मांडवगढ़ में कई अन्य पुराने ऐतिहासिक महत्व के जैन मंदिर भी है, जिसके कारण यह जैन धर्मावलंबियों के लिए एक तीर्थ स्थान है।

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