खाक हो रही खेती की खुराक

नरवाई जलाना12 स्थानों पर लग चुकी है आग

<p> हमें नरवाई जलाने के दुष्परिणाम पता है, लेकिन मजबूरी में जलाना पड़ता है। करे तो क्या करे। इसको नहीं जलाई तो हमारा खर्च भी बढ़ेगा।</p>
अनारद . फसल कटाई के बाद कई क्षेत्रों में नरवाई में आग लगा दी जा रही है। इससे वातावरण प्रदूषित हो रहा है। गर्मी के मौसम में किसान गेहूं की फसल कटने के बाद नरवाई में आग लगा देते हैं। इससे कई बार बड़े हादसे हो जाते हैं। कृषि विभाग भी किसानों को नरवाई न जलाने इसकी समझाइश नहीं दे रहे है ।
क्षेत्र में अब 12 से अधिक स्थानों पर खेतों में आग लगने के मामले सामने आए हैं। इन घटनाओं में लाखों रुपए का गेहूं जलकर खाक हो गया। नरवाई जलाने पर प्रतिबंध लगा हुआ ह वैज्ञानिक किसानों को नरवाई नहीं जलाने के लिए समझाइश भी देते है पर समझाइश के बाद भी किसान नरवाई को जल देते हैं।
ये करें किसान: किसान स्ट्रारीपर यंत्र का उपयोग कर नरवाई से भूसा तैयार कर सकते हैं। जिससे भूसे की मात्रा बढ़़ेगी गेहूं कटाई के दौरान किसान नीचे से कटाई करें। नरवाई में आग लगाने से खेत के जीव पदार्थ नष्ट हो जाते हैं। जिसके कारण उत्पादन क्षमता कम हो जाती है। किसानों को गेहूं कटवाने के बाद उसे कृषि में प्लाव या रोटावेटर का उपयोग करना चाहिए। इससे अवशेष की कटिंग हो जाती है।
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने पर्यावरण प्रदूषण एवं नियंत्रण अधिनियम 1981 के तहत धान व गेहूं की फसल कटाई के बाद बची फसल को जलाने पर प्रतिबंध लगाया है। इसके तहत राज्य के पर्यावरण विभाग ने आदेश भी जारी कर दिए। मगर इसपर फिर अमल नही करवा पा रहे है। नरवाई जलाने पर अब दो एकड़ से कम कृषि भूमि वाले किसान को 2500 रुपएए दो एकड़ से ज्यादा व पांच एकड़ से कम कृषि भूमि वाले को पांच हजार और पांच एकड़ से ज्यादा कृषि भूमि वाले को पंद्रह हजार रुपए तक का जुर्माना लगेगा। यह जुर्माना पर्यावरण क्षतिपूर्ति के रूप में वसूला जाएगा।
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