VIDEO परंपरागत छोडी खेती उगा दिए काले चने

सेहत के लिए भी लाभदायक है काला चना, दूसरे चने से भाव मिला ज्यादा

<p>VIDEO परंपरागत छोडी खेती उगा दिए काले चने</p>
धार.
नगर के पास सिरसौदा गांव के किसान ने खेती में नवाचार किया है। नवाचार करने से खेती उनके लिए लाभ का धंधा बन गई है। किसान विनोद चौहान ने काले चने उगा दिए। काले चने सेहत के लिए भी काफी लाभकारी बताए जा रहे है।
विनोद चौहान ने बताया काले चने की किस्म है जिसे महाराष्ट्र के महात्मा फूले कृषि विध्यापीठ ने विकसित की है। इस किस्म की खेती के लिए मध्य प्रदेश के अलावा महाराष्ट्र, राजस्थान, गुजरात, हरियाणा तथा छत्तीसगढ आदि राज्यों की जलवायु अनुकूल है। उन्होंने बताया कि इस बार लगभग 15 बीघा में काला चना उगाया है जिसमें लगभग ढाई क्विंटल बीज लगा है। उत्पादन 50 से 55 क्विंटल के लगभग आया। काले चने की सफल खेती के विनोद को कृषि विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिक जीएस गाठिए ने मार्गदर्शन दिया।
काले चने की विशेषताए

सामान्य चने की तुलना में काले चने में उच्च मात्रा में प्रोटीन पाया जाता है जिसके कारण यह जिम में मेहनत करने वालों के लिए उत्तम आहार है ताकि वह परफेक्ट बॉडी शेप पा सकें। इसके अलावा इसमें फायबर, फोलेट्स, आयरन, कार्बोहाइड्रेट्स, कॉपर और फास्फोरस जैसे तत्व भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। साथ ही यह फायटो न्यूट्रिएंट्स, एंटी आक्सीडेंट, एएलए और एन्थोसायनीन का अच्छा स्त्रोत होता है। इसके सेवन से विटामिन.एए बीए सीए डीए फास्फोरसए पोटेशियमए मैग्नीशियम और क्लोरोफिल की आसानी से पूर्ति की जा सकती है। काला चना अपने विशिष्ठ पोषक तत्वों की वजह से हार्ट स्ट्रोक, कोलेस्ट्रॉल, डायबिटीज, कब्ज जैसी बीमारियों में फायदेमंद है। यह बाल, त्वचा के लिए उपयोगी होने के साथ ही डिप्रेशन को भी कम करता है।
काले चने की खेती और पैदावार

काले चने की खेती भी सामान्य चने की खेती की तरह ही होती है। इसके लिए प्रति एकड 30 किलो बीज की आवश्यकता होती है। मिट्टी और जलवायु के हिसाब से इसमें एक या दो सिंचाई की आवश्यकता होती है। चने की यह किस्म 110 दिन में पककर तैयार हो जाती है। एक एकड से 10.12 क्विंटल की पैदावार होती है।
Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.