धमतरी: वन विभाग ने ग्रामीणों समझाइश, पटाखे फोड़ने से हाथी हो सकते है आक्रामक

करीब महीनेभर तक भानुप्रतापपुर के जंगल में घूमने के बाद अब चंदा हाथी और उसका दल फिर वापस धमतरी के जंगल में आ गया है।

धमतरी. करीब महीनेभर तक भानुप्रतापपुर के जंगल में घूमने के बाद अब चंदा हाथी और उसका दल फिर वापस धमतरी के जंगल में आ गया है। ओन्हा-कोन्हा के रास्ते के हाथियों का यह झुंड तुमाबुजुर्ग के जंगल में आ धमका है। यहां ग्रामीणों द्वारा पटाखे फोड़े जाने से उसके उत्तेजित होने के आशंका बढ़ गई है। फिलहाल वन विभाग की टीम प्रभावित गांवों में डेरा डालकर लोगों को पटाखा नहीं फोड़ने की समझाईश दे रही है।

उल्लेखनीय है कि लंबे समय बाद चंदा हाथी और उसके 21 सदस्यीय झुंड एक बार पुनः धमतरी जिले की सीमा में प्रवेश कर लिया है। दो दिन पहले बालोद जिले के गुरूर ब्लाक के जंगलों से होते हुए हाथियों का दल पठार पहुंचा। यहां नेशनल हाइवे में राजाराव पठार देवस्थल को नुकसान पहुंचाते हुए सीधे ओन्हा- कोन्हा के जंगल पहुंच गए। एक दिन गंगरेल बांध के किनारे ओन्हा-कोन्हा मंदिर के नजदीक चंदा हाथी का झुंड घूमते रहे। इसके बाद तुमाबुजुर्ग की ओर बढ़ गए। गौरतलब है कि चंदा हाथी के गले में कॉलर आईडी लगा है, जिससे वन विभाग को उसकी एक-एक पल की गतिविधियों की जानकारियां मिल रही है।

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