उल्लेखनीय है कि लंबे समय बाद चंदा हाथी और उसके 21 सदस्यीय झुंड एक बार पुनः धमतरी जिले की सीमा में प्रवेश कर लिया है। दो दिन पहले बालोद जिले के गुरूर ब्लाक के जंगलों से होते हुए हाथियों का दल पठार पहुंचा। यहां नेशनल हाइवे में राजाराव पठार देवस्थल को नुकसान पहुंचाते हुए सीधे ओन्हा- कोन्हा के जंगल पहुंच गए। एक दिन गंगरेल बांध के किनारे ओन्हा-कोन्हा मंदिर के नजदीक चंदा हाथी का झुंड घूमते रहे। इसके बाद तुमाबुजुर्ग की ओर बढ़ गए। गौरतलब है कि चंदा हाथी के गले में कॉलर आईडी लगा है, जिससे वन विभाग को उसकी एक-एक पल की गतिविधियों की जानकारियां मिल रही है।