छात्र चेतन्या साहू, जीवराखन चंद्राकर, वेदप्रकाश ने बताया कि स्कूल में शिक्षिका की मनमानी बढ़ गई है। वह नियमित रूप से स्कूल नहीं आती है। इससे पढ़ाई प्रभावित हो रही है, जिसका असर बोर्ड परीक्षा में पड़ सकता है। पूर्व में शिक्षिका को हटाने की मांग डीईओ से की गई थी, लेकिन अब तक कुछ नहीं हुआ। इस कारण कलक्ट्रेट आना पड़ा।
छात्रसंघ अध्यक्ष छत्रपाल पटेल का कहना है कि स्कूल में हिंदी विषय की नियमित रूप से पढ़ाई नहीं हो रही है। इस विषय में छात्र-छात्राएं कमजोर हो गए हैं। पढ़ाई व्यवस्था को लेकर प्राचार्य से शिकायत की गई है, नतीजा सिफर रहा। ऐसे में स्कूल में अनुशासन बनाए रखने के लिए जिला प्रशासन को एक्शन लेना चाहिए।
होनी चाहिए कार्रवाई
शाला विकास समिति के अध्यक्ष ढेलूराम, डुमनलाल कंवर, एम पाल, रोहित कुमार समेत अन्य ग्रामीणों का कहना है कि शिक्षिका बैठक के दौरान समिति के सदस्यों के साथ दुव्र्यवहार करती है। सप्ताह में एक-दो दिन ही स्कूल आती है। रजिस्टर में अनपुस्थिति के स्थान पर अपनी हस्ताक्षर कर देती है। उनसे छात्र-छात्राओं के अलावा स्कूल स्टाफ भी परेशान हो चुके हैं। जल्द उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई, तो उग्र आंदोलन करेंगे।