हत्याकांड के बहाने भीम आर्मी का मध्यप्रदेश में दखल, बड़े काफिले के साथ आए चीफ चंद्रशेखर

नेमावर में हुए आदिवासी परिवार के सामूहिक हत्याकांड के बाद से प्रदेश की सुप्त सी राजनीति में मानो गरमाहट आ गई है। विपक्ष अचानक हमलावर हो गया है जबकि सरकार बचाव की मुद्रा में है। मामले में पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने के नाम पर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ भी नेमावर का दौरा कर चुके हैं। अब इसी मामले में भीम आर्मी भी अचानक सक्रिय हो उठी है।

<p>Bhim Army Chief Chandrashekhar Azad</p>
देवास– नेमावर में हुए आदिवासी परिवार के सामूहिक हत्याकांड के बाद से प्रदेश की सुप्त सी राजनीति में मानो गरमाहट आ गई है। विपक्ष अचानक हमलावर हो गया है जबकि सरकार बचाव की मुद्रा में है। मामले में पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने के नाम पर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ भी नेमावर का दौरा कर चुके हैं। अब इसी मामले में भीम आर्मी भी अचानक सक्रिय हो उठी है।
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पीड़ित परिवार से मिलने भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद खुद नेमावर जा रहे हैं। रास्ते में जिला मुख्यालय देवास में उन्होंने एक तरह से शक्ति प्रदर्शन किया। उनके साथ समर्थकों का बड़ा काफिला था। वे मीडिया से बोले कि जब तक न्याय नहीं मिलेगा तब तक लड़ते रहेंगे। उन्होंने घटना की सीबीआई की जांच की मांग की और कहा कि यदि ऐसा नहीं हुआ तो मैं खुद साइकिल यात्रा छोडकर यहां आऊंगा। उन्होंने मुख्यमंत्री आवास का घेराव करने की भी चेतावनी दी।
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इससे पहले प्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल ने नेमावर में पीड़ित परिवार के घर पहुंचकर शोक संवेदना व्यक्त की। उन्होंने परिवार को हर संभव मदद करने, अपराधियों को फास्ट ट्रेक कोर्ट में केस चलाकर फांसी की सजा दिलवाने की बात कही। इधर पीड़ित परिवार ने मंत्री से कहा कि जब तक सीबीआई जांच नहीं होगी तब तक हमें न्याय नहीं मिलेगा। कृषि मंत्री कमल पटेल ने प्रेस वार्ता में कहा कि यह जघन्य अपराध हुआ है। प्रदेश सरकार सभी आरोपियों को कठोर से कठोर सजा दिलवाने का प्रयास करेगी।
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शनिवार को इसी मामले में कांग्रेस नेता कमलनाथ ने ट्वीट किया. उन्होंने लिखा: नेमावर में आदिवासी परिवार की सामूहिक हत्‍या का विरोध करने पर आदिवासी समुदाय के कर्मचारियों पर पुलिस कार्रवाई करने का समाचार मिला है। क्‍या अब आदिवासियों पर जुल्‍म का विरोध करना भी जुर्म हो गया है? शिवराजजी, आपकी सरकार ने आदिवासी उत्‍पीड़न की सारी हदें पार कर दी हैं।
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