शिवभक्तों ने शिवालयों में दूध, दही, बेलपत्र, चावल, गंगा जल से भगवान शिव का जलाभिषेक किया। इसके साथ ही शिव भक्तों का ऋशिकेष, हरिद्वार आना लगातार जारी है।
सोमवार को शिव मंंदिरों को सजाया गया।
शिवलिंग की साज-सज्जा करने के बाद भजन-कीर्तन की शुरूआत रात से ही हो गई थी। हरिद्वार स्थित कनखल के दरिद्र भंजन मंदिर में शिवलिंग का विशेष श्रृंगार किया गया है। शिवभक्तों ने सोमवार सुबह हर की पैड़ी पर गंगा पूजन करने के बाद गंगाजल लेकर भगवान शिव का जलाभिषेक किया।
कांवड यात्रियों के साथ ही दूर दराज के इलाकों से आने वाले शिवभक्तों समेत स्थानीय निवासियों ने गंगा स्नान और पूजन के साथ रात से शिव जलाभिषेक और रूद्रभिषेक चालू कर दिया था।
हर तरफ बम बम भोले के जयकारों से गूंजायमान हो रहा है।
इस बार सावन में 4 सोमवार पड़ रहे हैं। सावन के सोमवार को बहुत शुभ और फलदायक माना जाता है।
आज (22 जुलाई) को पहला सोमवार है। इस संयोग में शिव की सच्चे मन से पूजा करने पर कई गुना फल की प्राप्ति होती है।
सच्चे मन से भोले नाथ की पूजा करने पर अकाल मृत्यु , दाम्पत्य जीवन के दोष, निरोगी काया जैसे दोषों से मुक्ति मिलती है।