Fact Check: उत्तराखंड में जंगल जलने से हैं दुखी तो पढ़ें यह खबर, पता चलेगा सच

Fact Check: कोरोना संकट के बीच उत्तराखंड के जंगलों (Uttarakhand Forest) में लगने की चर्चा खासी सुर्खियों में है (Uttarakhand Forest Fire Fact Check)…

<p>उत्तराखंड के जंगलों में आग लगने की ऐसी तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है&#8230;</p>

(देहरादून): सोशल मीडिया पर इन दिनों उत्तराखंड के जंगलों में भीषण आग की खबरें खूब वायरल हो रही हैं। साथ ही, जिस तरीके से फोटो वायरल की जा रही हैं, उससे लग रहा है कि प्रदेश में वनों की आग दिनोदिन बढ़ रही है। लेकिन वन विभाग से इससे साफ इंकार कर दिया है।

 

कोरोना संकट के बीच उत्तराखंड के जंगलों में लगने की चर्चा खासी सुर्खियों में है। कुछ लोगों ने वगाग्नि की फोटो अपने फेसबुक और ट्वीटर एकाउंट पर साझा किया है कि पिछले चार दिनों से जंगल आग में धधक रहे हैं, लेकिन कोई सुध लेने वाला नहीं है। यह भी बताया गया कि आग इतनी भयावह है कि करीब 71 हेक्टेयर वन संपदा खाक हो गई है। दावे यह भी किए जा रहे हैं कि आग ने कई जानवरों को अपनी चपेट में ले लिया और दो लोगों की जान भी चली गई।

 

दूसरी ओर, इस खबर के सोशल मीडिया में आने के बाद खुद वन मंत्री हरक सिंह भी हरकत में आ गए और उन्होंने इस खबर का खंडन किया। उन्होंने स्पष्ट किया कि सोशल मीडिया पर उत्तराखंड के नाम से जो वनाग्नि की फोटो-वीडियो वायरल हो रहे हैं, उनमें कुछ पुराने और कुछ विदेशों के हैं।

 

प्रमुख वन संरक्षक जयराज ने सोशल मीडिया पर चल रही इन खबरों पर नजर रखने के लिए मुख्य वन संरक्षक डॉ. पराग मधुकर धकाते को उत्तराखंड वन विभाग का सोशल मीडिया प्रभारी नियुक्त किया है। जो पूरे मामले पर नजर रखेंगे। दरअसल, मई-जून में अमूमन वनाग्नि की घटनाएं प्रदेश में होती हैं और पिछले सप्ताह ही सरकार ने वनाग्नि को रोकने के लिए रणनीति भी बनाई है।

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.