सौंफ की पैदावार आधी, दाम दोगुना

सौंफ के दाम अधिक मिलने से किसानों के चेहरों पर रौनक, लालसोट मंडी में तीन हजार बोरी सौंफ की आवक

<p>लालसोट की कृषि उपज मंडी में सौंफ की नीलामी लगाते आढ़तिएं।</p>
दौसा. इस माह की शुरुआत के साथ लालसोट कृषि उपज मंडी में सौंफ की आवक बढऩे से मंडी परिसर नई सौंफ की खुशबू महक रहा है, वहीं इस बार गत वर्ष के मुकाबले लगभग दोगुना अधिक दाम मिलने सौंफ उत्पादक किसानों के चेहरों पर भी रौनक दिखाई दे रही है। इस कारोबार से जुड़े लोगों का मानना है कि इस बार गत वर्ष के मुकाबले सौंफ की पैदावार आधी ही हुई है। जिससे सीजन की शुरुआत से ही खरीदारोंं की डिमांड बनी है और इसी के चलते किसानों को इस वर्ष दोगुने दाम मिल रहे हैं। लालसोट कृषि उपज मंडी में अब तीन हजार बोरी सौंफ की आवक बनी हुई है। आढ़तियों के अनुसार मंडी में इस बार सौंफ के दाम 9 हजार से 13 हजार रुपए क्विंटल है, जबकि गत वर्ष सौंफ के दाम 3 हजार 500 से 6 हजार 500 रुपए प्रति क्विंटल थे और आवक बंपर हुई थी। गत वर्ष मंडी में 8 से 10 हजार बोरी की आवक हुई थी। उनका मानना है कि पूरे अप्रेल माह में सौंफ की आवक बनी रहेगी।

प्रदेश में सौंफ की सबसे बड़ी मंडी बनी लालसोट
लालसोट कृषि उपज मंडी में सौंफ का कारोबार शुरू होने से पूर्व टोंक जिले की निवाई मंडी ही प्रदेश की सबसे बड़ी सौंफ की मंडी मानी जाती थी, लेकिन स्थानीय मंडी में ही सौंफ का कारोबार शुरू होने के साथ ही निवाई मंडी में सौंफ के व्यापार में काफी कमी आ गई। अब लालसोट मंडी ही प्रदेश की सबसे बड़ी सौंफ मंडी के रुप में स्थापित हो गई है। लालसोट मंडी में अब दौसा, सवाई माधोपुर, करौली, जयपुर, धौलपुर व भरतपुर समेत कई जिलों के किसान भी सौंफ बेचने के लिए पहुंचते है।

कई प्रदेशों में हो रहा निर्यात
सौंफ का कारोबार बढऩे के साथ ही देश में सौंफ खरीदने का बड़ा कारोबार करने वालों को यहां की मंडी खूब रास आ रही है, मंडी से सौंफ का देश के कई प्रांतों में निर्यात होता है। व्यापारियों के अनुसार यहां से प्रतिदिन महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, गुजरात, उत्तर प्रदेश एवं दिल्ली समेत कई प्रांतों में दो दर्जन से अधिक ट्रक सौंफ का निर्यात हो रहा है।

पानी की कमी, किसानों ने किया किनारा
ग्रेन मर्चेन्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष सत्यनारायण गुप्ता, पूर्व अध्यक्ष नवल झालाल, जगदीश अग्रवाल, दिनेश कालूवास ने मंडी में सौंफ की खेती में अन्य जिंसों के मुकाबले अधिक पानी की जरुरत पड़ती है, अन्य जिंसों की खेती तीन-चार पानी में आराम से हो जाती है तो सौंफ की खेती के लिए सात से आठ पानी की जरुरत पड़ती है। अब भूजल का स्तर भी लगातार गिर रहा है, ऐसे में कई किसानों ने सौंफ की खेती से किनारा भी कर लिया है।
Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.