ट्रेनों में प्रवासियों की लापरवाही पड़ ना जाए भारी

सोशल डिस्टेंसिंग की भी नहीं कर रहे पालना : ट्रेनों की रवानगी के बाद बिना मास्क दिखाई देते हैं काफी लोग

<p>सोशल डिस्टेंसिंग की भी नहीं कर रहे पालना : टे्रनों की रवानगी के बाद बिना मास्क दिखाई देते हैं लोग</p>
दौसा. एक ओर प्रवासियों के कारण कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ रही है। वहीं दूसरी ओर रेलवे की ओर से संचालित की जा रही श्रमिक स्पेशल ट्रेनों में यात्रा करने वाले काफी संख्या में प्रवासी सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ाने के साथ ही मास्क तक का प्रयोग नहीं कर रहे है। ऐसे में संक्रमण फैलने की आशंका बनी रहती है।
देश में 1 मई से श्रमिक स्पेशल ट्रेनों का संचालन किया जा रहा है। इससे 20 मई तक ही करीब 1600 ट्रेनों का संचालन कर 20 लाख से अधिक प्रवासियों को राहत भी मिल सकी है। अकेले जयपुर मण्डल के विभिन्न स्टेशनों से 3 दर्जन से अधिक ट्रेन भेजी गई हैं।
वहीं करीब 2 दर्जन टे्रन प्रवासियों को लेकर पहुंची है। इसके अलावा 500 से अधिक ट्रेन थू्र भी गई है। ऐसे में जिले से होकर गुजरने वाले अहमदाबाद-दिल्ली एवं बांदीकुई-आगरा रेल मार्ग से काफी संख्या में श्रमिक स्पेशल ट्रेन गुजरती हैं। प्रत्येक प्रवासी के लिए अलग-अलग सीट भी आरक्षित होती है। इसके बावजूद इन ट्रेनों में सफर करने वाले काफी लोग गाइडलाइन की धज्जियां उड़ाते हुए दिखाई देते है। ऐसे में यदि कोई प्रवासी कोरोना संक्रमित हो तो अन्य लोगों में संक्रमण फैलने का खतरा बना रहता है। इसके बावजूद किसी का इस ओर कोई ध्यान नहीं है।
1 जून से देश में चलेंगी 200 ट्रेन
रेलवे की ओर से 1 जून से 200 यात्री ट्रेन चलाने के लिए सीटों के आरक्षण के लिए बुकिंग काउंटर शुरू कर सोशल डिस्टेंसिंग की पालना कराने के दावे किए जा रहे हैं। लेकिन जब श्रमिक स्पेशल ट्रेनों में ही गाइडलाइन की धज्जियां उड़ रही है तो इन यात्री ट्रेनों में गाइडलाइन की पालना कराना रेलवे के लिए मुश्किल हो सकता है।
मास्क लगाने का प्रावधान सरकार की ओर से है। रेलवे की ओर से चेकिंग पाइन्ट पर इसकी निगरानी भी की जाती है। इन ट्रेनों के टिकट एवं जाने वाले लोगों की सूची राज्य सरकार की ओर से तय होती है। ऐसे में ट्रेनों में चेकिंग स्टाफ नहीं होता है। हालांकि आरपीएफ स्टाफ है।
मंजुषा जैन, मण्डल रेल प्रबंधक, जयपुर
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